आरसी भार्गव ने बताया समाधान का फॉर्म्युला
नई दिल्ली: मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव(RC Bhargava) ने छोटी कारों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अगर इन पर टैक्स कम किया जाए तो बड़ी आबादी के लिए यह विकल्प उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि इससे लोग दोपहिया वाहनों से सुरक्षित पैसेंजर कारों की ओर शिफ्ट हो सकेंगे। भार्गव का मानना है कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और ऑटोमोबाइल उद्योग में तेजी आएगी।
छोटी गाड़ियों से सुरक्षा और उद्योग को बढ़ावा
भार्गव(RC Bhargava) ने कंपनी की 44वीं वार्षिक आम बैठक(AGM) में कहा कि समय के साथ सुरक्षा और उत्सर्जन मानकों में बदलाव ने एंट्री-लेवल कारों की कीमत बढ़ा दी है। इससे आम लोगों के लिए कार खरीदना मुश्किल हो गया है और वे मजबूरी में रिस्की दोपहिया वाहनों पर निर्भर हैं।
उन्होंने जापान(Japan) का उदाहरण देते हुए कहा कि 1950 के दशक में वहां “केई कारों” की शुरुआत की गई थी। इस कदम से आम जनता को सस्ते विकल्प मिले और यातायात सुरक्षित बना। भारत(India) में भी अगर छोटी कारों पर जोर दिया जाए तो यही परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इंडस्ट्री की धीमी रफ्तार और समाधान
भार्गव(RC Bhargava) ने कहा कि 2018-19 में यूरोपीय सेफ्टी और उत्सर्जन मानक लागू होने से छोटी कारों की बिक्री में गिरावट आई और पूरे सेक्टर की गति धीमी हुई। निचले तबके के कई लोग जो दोपहिया वाहन खरीदते हैं, वे सुरक्षित कारें लेने में सक्षम नहीं हो पाते।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि नीतियां ऐसी बनाई जाएं जिससे लोग दोपहिया से कारों की ओर रुख कर सकें। यह बदलाव न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर की वृद्धि को भी तेज करेगा।
रोजगार और कौशल विकास में योगदान
आरसी भार्गव का कहना है कि छोटी कारों को प्रोत्साहन देने से उद्योगों में विस्तार होगा और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। इससे युवाओं को हुनर दिखाने के मौके मिलेंगे और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कई क्षेत्रों में कौशलयुक्त लोगों की कमी दिख रही है। ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई नौकरियों का निर्माण देश के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
आरसी भार्गव छोटी कारों को क्यों जरूरी मानते हैं?
वे मानते हैं कि छोटी कारें दोपहिया वाहनों का सुरक्षित विकल्प हैं और इनसे आम लोगों को सस्ता विकल्प मिलेगा।
जापान का मॉडल भारत के लिए कैसे उपयोगी हो सकता है?
जापान ने 1950 के दशक में केई कारों से सस्ते और सुरक्षित परिवहन का विकल्प दिया। भारत भी इसी तरह उद्योग और सुरक्षा को बढ़ावा दे सकता है।
रोजगार सृजन में छोटी कारों की क्या भूमिका होगी?
छोटी कारों को बढ़ावा देने से ज्यादा उद्योग स्थापित होंगे, जिससे नए रोजगार बनेंगे और युवाओं को अवसर मिलेंगे।
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