Breaking News: Reliance : अनिल अंबानी की कंपनी में इस्तीफों की बौछार

By Dhanarekha | Updated: November 8, 2025 • 12:00 PM

सीईओ-सीओओ समेत कई अधिकारियों ने छोड़ी नौकरी

नई दिल्ली: उद्योगपति अनिल अंबानी(Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस पावर(Reliance Power) के रिन्यूएबल वेंचर रिलायंस NU एनर्जीज(Reliance) में एक साल के भीतर ही शीर्ष स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। कंपनी के सीईओ मयंक बंसल(Mayank Bansal) और सीओओ राकेश स्वरूप ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इनके साथ लगभग एक दर्जन और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कंपनी छोड़ने का निर्णय लिया है

नेतृत्व में उथल-पुथल और नई दिशा की खोज

सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों ने अपने नए व्यवसाय शुरू करने की योजना के तहत यह कदम उठाया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि दोनों शीर्ष अधिकारियों ने 30 सितंबर को त्यागपत्र दिया था। कुछ अन्य कर्मचारी भी उनके साथ नए वेंचर में जुड़ने की तैयारी में हैं।

दूसरी ओर, यह परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब अनिल अंबानी ग्रुप पर कानूनी और वित्तीय दबाव बढ़ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में समूह की संपत्तियाँ फ्रीज की हैं, जिससे निवेशकों और कर्मचारियों के बीच अनिश्चितता का माहौल है।

कंपनी ने दी सफाई, संचालन पर असर नहीं

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि एनयू एनर्जी के पास अभी भी मजबूत आंतरिक नेतृत्व टीम है और नए अनुभवी लोगों को शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। उनका दावा है कि मौजूदा प्रोजेक्ट्स पर काम सामान्य रूप से चल रहा है।

फिर भी, इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में शीर्ष नेतृत्व का बदलना कंपनी की स्थिरता पर सवाल खड़ा करता है। यह स्थिति रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में इसकी साख को प्रभावित कर सकती है।

कानूनी दबाव और भविष्य की चुनौतियाँ

अनिल अंबानी ग्रुप पर प्रवर्तन एजेंसियों की जांच तेज हो गई है। संपत्तियों की जब्ती और बढ़ते कर्ज मामलों के बीच रिलायंस एनयू एनर्जी का भविष्य फिलहाल अनिश्चित दिख रहा है। ऐसे में नए नेतृत्व के सामने भरोसा बहाल करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

कंपनी क्लीन एनर्जी सेक्टर में अपनी पहचान मजबूत करने की कोशिश में है, लेकिन निरंतर इस्तीफे और कानूनी अड़चनें इसके विस्तार की रफ्तार को धीमा कर सकती हैं।

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रिलायंस एनयू एनर्जी में इस्तीफों के पीछे क्या कारण हैं

अधिकारियों के अनुसार, समूह में चल रही कानूनी दिक्कतें, आंतरिक अस्थिरता और नए वेंचर शुरू करने की योजनाएँ ही प्रमुख वजहें हैं। इससे कर्मचारियों के मनोबल पर भी असर पड़ा है।

क्या इन इस्तीफों से कंपनी की परियोजनाओं पर असर पड़ेगा

कंपनी का दावा है कि सभी प्रोजेक्ट सामान्य रूप से चल रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इस बदलाव से निवेशकों का भरोसा प्रभावित हो सकता है और कार्य गति थोड़ी धीमी पड़ सकती है।

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