RERA Relief घर खरीदने वालों को मिला बड़ा फैसला मुंबई के खरीदारों को मिली बड़ी राहत
RERA Relief का ताजा उदाहरण महाराष्ट्र RERA (MahaRERA) के उस आदेश से मिलता है, जिसमें लोधा डेवलपर्स को निर्देश दिया गया कि वे एक खरीदार को उसकी ₹2.26 करोड़ की बुकिंग राशि ब्याज सहित वापस करें। यह राशि खरीदार का बैंक लोन खारिज होने के बाद बरकरार रखी गई थी, लेकिन लोधा ने एकतरफा तरीके से रुकवा दी थी।
क्यों आया यह आदेश?
MahaRERA ने पाया कि:
- बिक्री का verbal आश्वासन देकर खरीदार को खरीदने पर प्रेरित किया गया
- बैंक ने लोन न देने पर खरीदार ने बुकिंग रद्द की
- लोधा ने booking amount को जबरन रोक रखा था
- RERA ने स्पष्ट किया कि one‑sided contractual clauses लागू नहीं हो सकते
इसलिए, यह RERA Relief माना गया कि मकसद खरीदारों की रक्षा करना है।
इसका प्रभाव क्या होगा?
- मुंबई जैसे महानगरों में RERA Relief से स्टैंडर्ड सेट हो गया
- अन्य RERA बोर्डों को यह आदेश उदाहरण के तौर पर लेना चाहिए
- कठिन और भारी वन्साइड क्लॉज़ वाले sale agreements की समीक्षा होगी
घर खरीदने वालों के लिए क्यों अहम?
- Booking amount सुरक्षित रहेगी, सैल्मन मुद्दों में रूकावट नहीं
- अगर लोन न मिले तो भी खरीदार को धन और ब्याज मिलेगा
- इससे विवादित sale में खरीदारों को न्याय मिलेगा, builders की मनमानी पर लगाम लगेगी
विशेषज्ञों की राय
- रियल इस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह RERA Relief कानून की ताकत और खरीदारों को वास्तविक सुरक्षा प्रदान करता है
- इससे भविष्य में contract transparency और सूचित निर्णयण संदर्भ मजबूत होंगे
RERA Relief का यह निर्णय सिर्फ एक case तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वह मिसाल है जो यह संदेश देता है कि Real estate contracts में buyers का अधिकार सर्वोपरि है।
Builders को अब समझना होगा कि एकतरफा थीकेदारी स्वीकार्य नहीं।
और जितनी जागरूकता खरीदारों में बढ़ेगी, उतनी ही रियल्टी में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी।