निवेशकों को गुमराह करने का आरोप
नई दिल्ली: बाजार नियामक सेबी(Sebi) ने फिनइन्फ्लूएंसर अवधूत साठे(Avadhut Sathe) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सेबी ने आदेश जारी करते हुए उनसे और उनकी अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी से 546.2 करोड़ रुपये वसूलने को कहा है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उन्हें अगले निर्देश तक शेयर बाजार में कोई व्यापारिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं होगी।
आरोप है कि अवधूत साठे और उनकी एकेडमी ने लगभग 3.4 लाख निवेशकों से 601 करोड़(Crore) रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी। इसके अलावा, उन पर लोगों को गलत जानकारी देकर शेयर बाजार में निवेश के लिए उकसाने का आरोप है, जबकि उनके पास आवश्यक रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र नहीं था। सेबी ने यह शर्त भी रखी है कि यदि वे शैक्षिक गतिविधियां जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें सभी नियमों का पूर्ण पालन करना होगा।
भारी वसूली और भ्रामक प्रचार
सेबी(Sebi) के 125 पन्नों के आदेश में यह पाया गया कि साठे और उनकी एकेडमी बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट की सेवाएं दे रहे थे। ट्रेनिंग सेशन के दौरान लाइव ट्रेडिंग डेटा का उपयोग किया जा रहा था, जिससे प्रतिभागियों को अवास्तविक लाभ दिखाया गया। इस प्रक्रिया में कई निवेशकों से भारी फीस वसूल की गई और उन्हें असली जोखिमों की जानकारी नहीं दी गई।
अंततः, जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रचारित वीडियो और पोस्ट वास्तविक प्रदर्शन को प्रदर्शित नहीं कर रहे थे, बल्कि चुनिंदा मुनाफे वाली ट्रेडिंग गतिविधियां दिखाई जा रही थीं। जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि यह प्रचार निवेशकों को भ्रमित करने और जल्दी लाभ की उम्मीद जगाकर कोर्स बेचने का तरीका बना हुआ था।
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सबक और कड़े नियमों की जरूरत
सेबी(Sebi) का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों से निवेशकों की बचत जोखिम में पड़ती है और वित्तीय बाजारों की पारदर्शिता प्रभावित होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक शिक्षा के नाम पर गुमराह करना और बिना लाइसेंस वित्तीय सलाह देना गंभीर अपराध माना जाता है। कई युवा नौकरी छोड़कर ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर निर्भर हो रहे हैं, जिससे उनका आर्थिक भविष्य असुरक्षित हो सकता है।
इस पूरे मामले के बाद बाजार विश्लेषक उम्मीद कर रहे हैं कि लोग बिना जांच पड़ताल किसी भी फिनइन्फ्लूएंसर की सलाह पर भरोसा करने से पहले सतर्क रहेंगे। सेबी का यह निर्णय निवेशकों को सुरक्षा देने और फर्जी सलाहकारों पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अवधूत साठे के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों हुई?
जांच में पाया गया कि साठे और उनकी एकेडमी ने बिना वैध अनुमति निवेश सलाह और रिसर्च सेवाएं दीं। सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया गया और चुनिंदा मुनाफे दिखाकर लोगों को कोर्स खरीदने के लिए आकर्षित किया गया। इस कार्रवाई का उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और बाजार की पारदर्शिता बनाए रखना है।
क्या निवेशकों को अपनी गलती सुधारने का मौका मिलेगा?
सेबी के आदेश के अनुसार, वसूली की गई राशि का उपयोग प्रभावित निवेशकों को लौटाने में किया जा सकता है। हालांकि प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन यह कदम निवेशकों के नुकसान को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जाता है। नियामक संस्थाएं भविष्य में ऐसे मामलों पर निगरानी और भी मजबूत करेंगी।
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