Semiconductor: भारत का डिजिटल हीरा बनेगा सेमीकंडक्टर

By Dhanarekha | Updated: September 2, 2025 • 10:01 PM

पीएम मोदी ने बताई सेमीकंडक्टर की ताकत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Modi) ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में सेमीकंडक्टर(Semiconductor) को 21वीं सदी का “डिजिटल हीरा” बताया। उन्होंने कहा कि इंसान के नाखून जितनी छोटी चिप भी विश्व अर्थव्यवस्था को बदलने की ताकत रखती है। मोदी ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत देश को सेमीकंडक्टर(Semiconductor) डिजाइन और निर्माण का हब बनाने का लक्ष्य रखा। उनका कहना था कि अब तेल नहीं, बल्कि चिप्स नई ऊर्जा और विकास के प्रतीक हैं

चिप्स से बदलती दुनिया की तस्वीर

मोदी ने बताया कि पिछली सदी में तेल की अहमियत थी, मगर अब असली शक्ति सेमीकंडक्टर चिप्स में है। उनका विश्वास है कि भारत में बनी सबसे छोटी चिप भी भविष्य में वैश्विक बाजार को बदल सकती है। दुनिया का सेमीकंडक्टर(Semiconductor) बाजार वर्तमान में लगभग 600 अरब डॉलर का है और अनुमान है कि जल्द ही यह 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
भारत तेजी से इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है। सरकार ने 2021 से लगातार नई योजनाएं शुरू कीं और 2025 तक पांच बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई है, जिनमें 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।

बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक कंपनियां

भारत में फिलहाल पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण हो रहा है। इनमें से एक यूनिट की पायलट लाइन पूरी हो चुकी है और दो यूनिट्स जल्द ही उत्पादन शुरू करेंगी। इसके अलावा पांच अन्य यूनिट्स के डिजाइन पर कार्य जारी है।
क्वालकॉम(Qualcomm), इंटेल, एनवीडिया, ब्रॉडकॉम और मीडियाटेक जैसी कंपनियों ने बेंगलुरु, हैदराबाद और नोएडा में अपने डिजाइन व रिसर्च सेंटर स्थापित किए हैं।

भारत में मांग और भविष्य की तैयारी

बैस्टियन रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के 20% चिप डिजाइन इंजीनियर भारत में हैं। देश की 278 यूनिवर्सिटीज एडवांस इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन टूल्स से लैस हैं, जिससे लाखों छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिल रहा है।
भारत में वर्तमान मांग 45-50 अरब डॉलर की है, जो 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसका अर्थ है कि आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होगा।

नरेंद्र मोदी ने सेमीकंडक्टर को डिजिटल हीरा क्यों कहा?

मोदी का मानना है कि नाखून जितनी छोटी चिप भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखती है। इसलिए उन्होंने सेमीकंडक्टर को 21वीं सदी का डिजिटल हीरा बताया।

भारत में सेमीकंडक्टर की मांग कितनी बढ़ने वाली है?

अभी भारत में सेमीकंडक्टर की डिमांड 45-50 अरब डॉलर है। अनुमान है कि 2030 तक यह 100-110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा।

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