Market Opening : मामूली गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार

By Surekha Bhosle | Updated: July 10, 2025 • 10:58 AM

शेयर बाजार (Stock Market) ने आज के कारोबारी दिन की शुरुआत हल्की गिरावट (decline) के साथ की है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स शुरुआती कारोबार में दबाव में नजर आए

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी का हाल

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

घरेलू शेयर बाजार Stock Market की शुरुआत गुरुवार को हल्की गिरावट के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 76.99 अंक की गिरावट के साथ 83,461.90 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 23.15 अंक फिसलकर 25,452.95 पर कारोबार करता दिखा। बता दें कि बुधवार को भी शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला था। 

गुरुवार को शुरुआती Stock Market कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 76.99 अंक गिरकर 83,461.90 पर और एनएसई निफ्टी 23.15 अंक की गिरावट के साथ 25,452.95 पर आ गया। सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में टाटा मोटर्स, इंफोसिस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा घाटे में रहे।  वहीं, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस जैसे शेयर बढ़त में रहे।

विश्लेषकों का कहना है कि टैरिफ (शुल्क) से जुड़ी अनिश्चितता के कारण भी बाजार में सावधानी देखी जा रही है। वहीं आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीसीएस आज अपने पहली तिमाही के नतीजे पेश करने वाली है, जिसे लेकर बाजार में उत्सुकता बनी हुई है।

एशियाई बाजारों की बात करें तो दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई का एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक बढ़त में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान का निक्केई 225 गिरावट में था। अमेरिकी बाजार बुधवार को सकारात्मक स्तर पर बंद हुए।

रुपया को शुरुआती कारोबार में 17 पैसे की बढ़त

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि रुपये ने उतार-चढ़ाव भरा लेकिन सीमित दायरे में कारोबार किया। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में मामूली प्रगति और भारतीय निर्यातों पर शुल्क की समय सीमा बढ़ाए जाने से बाजारों को अल्पकालिक राहत मिली है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 85.62 पर खुला। फिर 85.56 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 17 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.73 पर स्थिर बंद हुआ था।

शेयर बाजार के मूल्य में गिरावट का क्या कारण है?

जब शेयरों की आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है तो शेयर की कीमतों में गिरावट आती है। अगर खरीदने की तुलना में ज़्यादा निवेशक बेच रहे हैं, तो विक्रेता खरीदारों को आकर्षित करने के लिए अपनी कीमतें कम कर सकते हैं, जिससे शेयर के मूल्य में गिरावट आती है। इसके विपरीत, जब मांग आपूर्ति से अधिक हो जाती है, तो कीमतें बढ़ने लगती हैं।

भारत में सबसे महत्वपूर्ण स्टॉक मार्केट क्रैश

1992: वर्ष 1992 में भारतीय शेयर बाजार ने अपने इतिहास में सबसे भारी गिरावट देखी, और यह मुख्य रूप से हर्षद मेहता घोटाले के कारण था जिसमें शेयर बाजार और प्रतिभूतियों के हेरफेर शामिल थे। 2004: यह भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार दुर्घटनाओं में से एक था।

शेयर बाजार में गिरावट के क्या कारण हैं?

आर्थिक मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और निवेशक की भावना में बदलाव जैसे कारकों के कॉम्बिनेशन के कारण मार्केट गिर सकता है. बढ़ती महंगाई, बढ़ती ब्याज दरें या कॉर्पोरेट आय जैसे आर्थिक संकेतक सेल-ऑफ को ट्रिगर कर सकते हैं. इसके अलावा, राजनीतिक अस्थिरता या वैश्विक संकट जैसी बाहरी घटनाएं बाजार में गिरावट को बढ़ा सकती हैं.

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