सेंसेक्स 296 अंक गिरकर 81,186 पर बंद
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) के टैरिफ बयान के बावजूद, बाजार पर कोई सीधा असर नहीं दिखा, लेकिन दिन के अंत में सेंसेक्स 296 अंकों की गिरावट के साथ 81,186 पर बंद हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से भारत पर 25% टैरिफ के ऐलान का असर भारतीय शेयर बाजार पर नहीं दिखा।
गुरुवार (31 जुलाई) को सेंसेक्स 296 अंक गिरकर 81,186 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 87 अंक की गिरावट रही, ये 24,768 पर बंद हुआ।
ट्रेडिंग के दौरान बाजार में आज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में यह करीब 700 अंक गिरा, फिर 1000 अंक की रिकवरी हुई।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 7 में तेजी और 23 में गिरावट रही। NSE के मेटल, फार्मा और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में गिरावट रही। FMCG 1.44% ऊपर बंद हुआ।
- एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 1.02% ऊपर 41,070 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 0.28% ऊपर 3,245 पर बंद हुए।
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 1.60% नीचे 24,773 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.18% गिरकर 3,573 पर बंद हुए।
- 30 जुलाई को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.38% गिरकर 44,461 पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट 0.15% ऊपर 21,130 पर और S&P 500 0.12% नीचे 6,363 पर बंद हुए।
टैरिफ लोकप्रिय क्यों है?
राष्ट्र के लक्ष्यों का समर्थन करना : टैरिफ के सबसे लोकप्रिय उपयोगों में से एक यह है कि इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि व्यवसायों और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए देश के भीतर घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता मिले।
टैरिफ कितने प्रकार के होते हैं?
टैरिफ दो प्रकार के होते हैं, आयात टैरिफ और निर्यात टैरिफ । जैसा कि आप उनके नाम से समझ सकते हैं, आयात टैरिफ विदेश से देश में आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। निर्यात टैरिफ विदेश भेजी जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। आयात शुल्क और निर्यात शुल्क अक्सर अलग-अलग होते हैं।