अमेरिकी फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स की डील पर बातचीत
नई दिल्ली: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन(Vodafone)-आइडिया (Vi) में अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) ₹35,000 करोड़ से ₹52,000 करोड़ ($4-6 बिलियन) तक का बड़ा निवेश कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, TGH इस डील को तभी अंतिम रूप देगी जब भारत सरकार Vi की बकाया AGR (Adjusted Gross Revenue) और स्पेक्ट्रम देनदारियों पर कोई ठोस राहत पैकेज देगी। TGH डिजिटल और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करती है और इसके चेयरमैन संजय आहूजा हैं, जिन्हें घाटे में चल रही कंपनियों को मुनाफे में लाने का अनुभव है।
कमान संभालेगी TGH, प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटेगी
यदि यह बहुचर्चित डील सफल होती है, तो TGH को Vi में प्रमोटर का दर्जा हासिल हो जाएगा और वह कंपनी के संचालन की कमान संभाल लेगी। इसके परिणामस्वरूप, वर्तमान प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप और यूके की वोडाफोन ग्रुप दोनों का कंपनी पर नियंत्रण कम हो जाएगा। केंद्र सरकार, जिसके पास वर्तमान में लगभग 49% हिस्सेदारी है (जो AGR देनदारी के कारण इक्विटी में परिवर्तित हुई थी), एक निष्क्रिय निवेशक के रूप में बनी रहेगी, लेकिन डील के बाद उसकी हिस्सेदारी भी घट सकती है।
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Vi की वित्तीय स्थिति और राहत पैकेज की शर्त
वोडाफोन(Vodafone)-आइडिया भारी कर्ज और नुकसान में है, भले ही उसने 2024-25 में ₹24,000 करोड़ जुटाए हों। कंपनी को इस साल ₹84,000 करोड़ की भारी बकाया देनदारी (AGR और स्पेक्ट्रम फीस) चुकानी है, जो इसकी सबसे बड़ी चुनौती है। TGH ने सरकार को दिए डिटेल्ड प्लान में स्पष्ट किया है कि उसे बकाया माफी नहीं, बल्कि देनदारियों के पुनर्गठन की आवश्यकता है। TGH ने सरकार के सामने यह शर्त रखी है कि निवेश और सरकारी राहत पैकेज को एक साथ मंजूरी मिलनी चाहिए, तभी यह डील आगे बढ़ेगी और Vi के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा।
TGH ने भारत सरकार के सामने निवेश के लिए क्या मुख्य शर्त रखी है?
TGH ने सरकार के सामने मुख्य शर्त यह रखी है कि निवेश तभी आगे बढ़ेगा जब सरकार वोडाफोन(Vodafone)-आइडिया (Vi) की बकाया AGR और स्पेक्ट्रम देनदारियों के पुनर्गठन के लिए राहत पैकेज और निवेश को एक साथ मंज़ूरी देगी। फर्म बकाया की पूरी माफी नहीं मांग रही है, बल्कि देनदारियों के पुनर्गठन की मांग कर रही है।
डील पूरी होने पर वोडाफोन-आइडिया में किसके नियंत्रण में बदलाव आएगा?
डील पूरी होने पर TGH Vi में प्रमोटर का दर्जा हासिल कर लेगी और कंपनी के संचालन की कमान संभालेगी। इसके परिणामस्वरूप, वर्तमान प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप और यूके की वोडाफोन ग्रुप का नियंत्रण कम हो जाएगा। सरकार की हिस्सेदारी भी एक निष्क्रिय निवेशक के रूप में बनी रहेगी, लेकिन डील के बाद उसमें कमी आ सकती है।
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