नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 — आज देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (Draupadi Murmu) ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए।
चुनाव में मिली बड़ी जीत
उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को हुआ था। इसमें संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — के सांसदों ने वोट डाला। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इस तरह राधाकृष्णन ने बड़ी जीत दर्ज की। चुनाव में 98 प्रतिशत से ज्यादा सांसदों ने वोट किया।
समारोह में बड़े नेता मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह बेहद खास रहा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सुप्रीम कोर्ट के जज और दूसरे बड़े नेता मौजूद थे। राष्ट्रपति भवन का दरबार हाल इस मौके पर पूरा भरा हुआ था।
राधाकृष्णन का सफर
सी. पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं। वे लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं और दो बार सांसद रह चुके हैं। उन्हें ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाला नेता माना जाता है। वे झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं। राजनीति से पहले वे समाजसेवा और संगठन के कामों में भी सक्रिय रहे।
उपराष्ट्रपति का महत्व
भारत का उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति की जगह भी काम संभालते हैं। इसलिए यह पद बेहद अहम माना जाता है।
राजनीतिक मायने
राधाकृष्णन की जीत को बीजेपी और एनडीए की बड़ी सफलता माना जा रहा है। कई राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि विपक्ष के कुछ सांसदों ने भी एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया। इससे सरकार की ताकत और भी मजबूत हो गई है।
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