नई दिल्ली: भारत द्वारा रूस से अतिरिक्त S-400 और अत्याधुनिक S-500 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद पर अमेरिका के काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन्स एक्ट (CAATSA) के तहत प्रतिबंध लगने की संभावना है। द वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य सूत्रों ने इस बात की चेतावनी दी है। यह खतरा ऐसे समय में उत्पन्न हुआ है जब रूस से तेल आयात को लेकर अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है। अमेरिका(America) ने रूस से तेल खरीदने पर भारत के खिलाफ 25% का भारी भरकम सेकेंडरी टैरिफ लगाया है। रूसी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि भारत के साथ S-400 की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है, जिससे यह खतरा और बढ़ गया है।
S-400 और S-500 प्रणाली की महत्ता
भारत के लिए S-400 ‘ट्रायम्फ’ वायु रक्षा प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे पाकिस्तान(Pakistan) और चीन की ओर से आने वाले मिसाइल और हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत कवच माना जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी मिसाइल हमले को विफल किया था। S-500 ‘प्रोमेतेय’ प्रणाली, जिसे खरीदने पर भी भारत विचार कर रहा है, और भी उन्नत है और इसकी मारक क्षमता अंतरिक्ष तक है। ये प्रणालियाँ अमेरिकी पैट्रियट और थाड प्रणालियों से अधिक शक्तिशाली मानी जाती हैं। भारत का मानना है कि इन प्रणालियों की खरीद उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
CAATSA कानून और उसका उद्देश्य
अमेरिका ने CAATSA कानून जुलाई 2017 में लागू किया था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य उन देशों को दंडित करना है जो रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ महत्वपूर्ण रक्षा या खुफिया व्यापार करते हैं। यह कानून अमेरिका के 2016 के चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप और यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे की प्रतिक्रिया के रूप में बनाया गया था। अमेरिका का इरादा भारत जैसे देशों को रूस से और अधिक हथियार खरीदने से रोकना है। हालांकि, भारत ने अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देते हुए पहले भी इस तरह के दबावों का विरोध किया है।
CAATSA क्या है और अमेरिका इसे क्यों लागू करता है?
इसका का पूरा नाम काउंटरिंग अमेरिका’ज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन्स (CAATSA) एक्ट है। अमेरिका ने इस कानून को रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ रक्षा और खुफिया व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनाया है। इसका उद्देश्य इन देशों पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव डालना है ताकि उनके सैन्य विस्तार को रोका जा सके।
भारत के लिए S-400 प्रणाली इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
S-400 प्रणाली भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक बहुत ही उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है जो लंबी दूरी की मिसाइलों और हवाई हमलों से बचाव कर सकती है। भारत को चीन और पाकिस्तान से मिसाइल खतरों का सामना करना पड़ता है, और S-400 इन खतरों से निपटने के लिए एक प्रभावी कवच प्रदान करती है। इसकी क्षमता अमेरिकी पैट्रियट और थाड प्रणालियों से बेहतर मानी जाती है।
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