नई दिल्ली । इलायची स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। भारत (INDIA) को मसालों की विविधता और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। ऐसे ही मसालों में से एक है ‘मसालों की रानी (Queen of Spices ) कही जाने वाली इलायची है, जो स्वाद और खुशबू बढ़ाती है। आयुर्वेद, यूनानी और रोमन चिकित्सा पद्धतियों में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से ही इसका उपयोग सांस संबंधी रोग, पाचन समस्या, दांत-मसूड़े की बीमारी, किडनी संबंधी विकार और आंखों की जलन जैसी कई समस्याओं के इलाज में होता रहा है।
मैग्नीशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं
इलायची का वैज्ञानिक नाम इलेक्टारिया कारडामोमम है। इसमें विटामिन सी, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह त्रिदोषनाशक मानी जाती है, यानी यह शरीर के वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करती है। इसके सेवन से न केवल पाचन क्षमता बेहतर होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है और हृदय स्वास्थ्य को भी बल मिलता है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, भोजन के बाद एक इलायची चबाना या इसका पाउडर मिश्री और सेंधा नमक के साथ लेना गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है।
पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध और संक्रमण से बचाव होता है
सुबह इलायची चबाने या इसके पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध और संक्रमण से बचाव होता है। गर्म दूध में इलायची मिलाकर पीने से नींद में सुधार होता है और मन शांत रहता है। एक शोध के अनुसार, इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इसका नियमित और सीमित मात्रा में सेवन दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है। यानी इलायची केवल एक मसाला नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है, जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने में मददगार है। रोज सुबह खाली पेट इलायची खाने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
वहीं, गुनगुने पानी में इसका पाउडर मिलाकर पीने से ब्लड शुगर भी संतुलित रह सकता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। खास बात यह है कि सौंफ और गुड़ के साथ इलायची का सेवन मासिक धर्म से जुड़ी तकलीफों में भी राहत देता है।
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