गुरुग्राम में कार्ल्सबर्ग का नया डिजिटल हब
नई दिल्ली: डेनमार्क की प्रसिद्ध कंपनी कार्ल्सबर्ग(Carlsberg Group) ने भारत में अपना पहला आईटी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित कर दिया है। गुरुग्राम(Gurugram) में शुरू हुआ यह केंद्र कंपनी के वैश्विक संचालन को तकनीकी सहयोग देगा। यहां से आईटी सर्विस, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन और एप्लीकेशन सपोर्ट जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट को कंपनी ने आईटी सर्विस प्रोवाइडर जीएसपैन(GSPANN) के साथ मिलकर आगे बढ़ाया है।
बिल्ड-ऑपरेट मॉडल और संचालन व्यवस्था
कार्ल्सबर्ग(Carlsberg) ने बताया कि यह केंद्र “बिल्ड-ऑपरेट” मॉडल पर चलेगा। इसमें कंपनी संचालन की दिशा तय करेगी, जबकि जीएसपैन भर्ती और सर्विस प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेगी। कार्ल्सबर्ग ग्रुप के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर अनुराग पांडे ने कहा कि यह पहल उनकी आईटी क्षमताओं को एकीकृत करने और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में सहायक होगी। उनका ध्यान तेज और सुरक्षित कामकाज पर केंद्रित रहेगा ताकि बाजार की जरूरतों को समय पर पूरा किया जा सके।
अनुराग पांडे का मानना है कि जीएसपैन के पास डिजिटल बदलाव और डेटा इंजीनियरिंग का अनुभव है, जिससे यह केंद्र कंपनी के लिए ग्रोथ इंजन की तरह कार्य करेगा। उनका कहना है कि नवाचार और सुरक्षित तकनीक के माध्यम से यह पहल वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगी।
डिजिटल हब की विशेष भूमिका
जीएसपैन के सह-संस्थापक ए पी ग्रोवर ने बताया कि यह केंद्र सिर्फ रूटीन कामकाज के लिए नहीं बनाया गया है। उनका मानना है कि यह एक ऐसा डिजिटल हब बनेगा जो स्पीड, स्केलेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी को जोड़ते हुए भविष्य की तकनीकी जरूरतों को दिशा देगा।
कार्ल्सबर्ग(Carlsberg) ग्रुप की चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर एस्थर वू ने कहा कि भारत के आईटी विशेषज्ञ इस प्रोजेक्ट की मुख्य ताकत होंगे। उनके अनुसार, यह केंद्र कंपनी की डिजिटल रीढ़ को मजबूत करेगा, नए नवाचार जोड़ेगा और 150 से अधिक वैश्विक बाजारों में बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।
कार्ल्सबर्ग के जीसीसी की खासियत क्या है?
यह जीसीसी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, एप्लीकेशन सपोर्ट और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को गति देने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए कंपनी अपने वैश्विक संचालन को सुरक्षित और तेज बनाएगी।
भारत इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों चुना गया?
भारत के तकनीकी विशेषज्ञों और आईटी सेक्टर की मजबूती को देखते हुए कार्ल्सबर्ग ने यहां केंद्र खोला है। इससे कंपनी को नवाचार, स्केलेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा।
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