ऑपरेशन सिंदूर: सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में दी अहम जानकारी, भारत की सैन्य रणनीति का किया खुलासा
31 मई 2025: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भविष्य के युद्धों का एक उदाहरण बताते हुए इसे “नॉन-कॉन्टैक्ट” और “मल्टी-डोमेन” मिशन करार दिया, जिसमें थल, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में एक साथ रणनीतिक कार्रवाई शामिल थी।
जनरल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमलों के साथ शुरू हुआ, केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं था। इस ऑपरेशन में साइबर हमलों, खुफिया जानकारी, भ्रामक सूचनाओं का प्रबंधन और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध रणनीतियों का उपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत ने स्वदेशी हथियार प्रणालियों, जैसे कि आकाश मिसाइल सिस्टम, का प्रभावी उपयोग किया और विदेशी सहायता के बिना अपनी वायु रक्षा नेटवर्किंग संरचना को मजबूत किया।
पाकिस्तान के दावों का खंडन, नुकसान पर खुलासा
जनरल चौहान ने पाकिस्तान के उस दावे को “पूरी तरह गलत” बताया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान छह भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि भारत को शुरुआती हवाई नुकसान हुआ, लेकिन इसका सटीक आंकड़ा देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं है कि विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे। हमने अपनी रणनीतिक गलतियों को समझा, दो दिनों में सुधार किया और लंबी दूरी के सटीक हमलों के साथ फिर से उड़ान भरी।”
झूठी खबरों से जंग में 15% समय बर्बाद
सीडीएस ने खुलासा किया कि ऑपरेशन के दौरान करीब 15% समय पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठे और भ्रामक प्रचार का मुकाबला करने में खर्च हुआ। उन्होंने सूचना युद्ध (इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर) के लिए एक समर्पित इकाई की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत ने विश्वसनीयता पर आधारित संचार रणनीति अपनाई, भले ही इसमें समय लगे।
परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार
परमाणु युद्ध की आशंकाओं को खारिज करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि दोनों पक्षों ने ऑपरेशन के दौरान तर्कसंगत व्यवहार दिखाया। उन्होंने कहा, “पारंपरिक युद्ध और परमाणु सीमा के बीच काफी जगह है। दोनों पक्षों ने समझदारी और संयम दिखाया, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही।”
पाकिस्तान के साथ रणनीति और भारत की प्रगति
जनरल चौहान ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बोलते हुए कहा कि 1947 में आजादी के समय पाकिस्तान कई मामलों में भारत से आगे था, लेकिन आज भारत ने आर्थिक, सामाजिक और सैन्य क्षेत्रों में उसे पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से केवल शत्रुता और धोखा मिला है। इसलिए, दूरी बनाए रखना ही बेहतर रणनीति हो सकती है।”
आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख
जनरल चौहान ने शांगरी-ला डायलॉग में वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य श्रेष्ठता को साबित किया, जिसके तहत गहरे पाकिस्तानी क्षेत्रों में रडार सिस्टम, नियंत्रण इकाइयों और हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।
ऑपरेशन सिंदूर को भारत की रक्षा रणनीति में एक मील का पत्थर बताते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने जोर देकर कहा कि यह ऑपरेशन आधुनिक युद्ध की जटिलताओं, जैसे कि साइबर युद्ध, सूचना प्रबंधन और स्वदेशी तकनीक के उपयोग को दर्शाता है। उन्होंने भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जो भविष्य के युद्धों में देश को और मजबूत बनाएगा।