Ceasefire पर भारत-पाकिस्तान में सीधी बातचीत, जयशंकर का बड़ा बयान संघर्ष विराम को लेकर सामने आई बड़ी जानकारी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच Ceasefire समझौता किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच सीधी सैन्य बातचीत के माध्यम से हुआ। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान लगातार नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम उल्लंघन कर रहा था।

“आतंकी अगर पाकिस्तान में है, तो उसे वहीं मारेंगे”
जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में कोई नरमी नहीं है। Ceasefire का मतलब यह नहीं कि हम आतंकी गतिविधियों को नजरअंदाज करेंगे। उन्होंने कहा:
“अगर आतंकी पाकिस्तान में हैं, तो हम उन्हें वहीं मारेंगे।”
यह बयान इस बात का प्रमाण है कि भारत अब जवाबी कार्रवाई करने में हिचक नहीं रखता।
Operation Sindoor के बाद बदली रणनीति
पाहलगाम हमले के बाद भारत ने Operation Sindoor की शुरुआत की थी, जिससे कई आतंकी अड्डों को नष्ट किया गया। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने Ceasefire की पेशकश की, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर स्वीकार किया।
Ceasefire के पीछे भारत की रणनीतिक कूटनीति
- भारत ने सीधे DGMO स्तर की बातचीत की।
- कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव या मध्यस्थता नहीं थी।
- पाकिस्तान को पहले बार इस स्तर पर झुकना पड़ा।
पाकिस्तान की चालाकी पर कड़ी निगरानी
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि Ceasefire का उल्लंघन हुआ, तो जवाब कड़ा और सटीक होगा। पाकिस्तान की ओर से अब भी सीमा पार आतंकी भेजने की कोशिशें जारी हैं, जिन पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

भारत की कूटनीतिक बढ़त
Ceasefire समझौते के साथ-साथ भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को घेरा है। जापान, UAE और अमेरिका जैसे देशों को हाल ही में आतंकवाद से जुड़ी जानकारी साझा की गई है, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है।
Ceasefire एक अस्थायी समाधान है, लेकिन भारत की नीति स्थायी और सख्त है।
जयशंकर के बयान ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है,
तो भारत सीधा जवाब देने से नहीं हिचकेगा।
यह नई रणनीति भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और वैश्विक नेतृत्व को मज़बूत करती है।