गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद की चंदोला झील के पास बसे 18 लोगों को अतिक्रमण हटाने के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया।
गुजरात के अहमदाबाद के चंदोला झील इलाके में चल रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने साफ किया है कि झील क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों को राहत नहीं दी जा सकती। मामले में वकील आनंद याग्निक ने बताया कि इस मामले में 18 नागरिकों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
गुजरात हाईकोर्ट ने याचिका पर नहीं दी राहत
मामले में सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पानी की संरचना (जल निकाय) पर बसे हैं और उनके पास वहां निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटाने पर दिए गए फैसले को इस मामले में लागू नहीं किया जा सकता। साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं को झील के पास रहने की कोई इजाजत नहीं दी जा सकती।
हर्ष संघवी का बयान
- इसी बीच मामले में गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
- उन्होंने कहा कि शहर में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
- उन्होंने बताया कि जिन इलाकों से अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे, वहां से अवैध निर्माण हटाया गया है और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सरकारी जमीन खाली कराई जाए।
चंदोली झील के पास गुजरात पुलिस का एक्शन
गौरतलब है कि अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस ने चंदोला झील क्षेत्र के पास बनी झुग्गी-झोपड़ियों को जमींदोज करने के लिए बुलडोजर अभियान जारी है। इस क्षेत्र से कुछ दिन पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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