जेपी नड्डा ने कहा कि खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 के तहत बच्चों को खसरा और रूबेला टीके की दो खुराक देकर उन्हें उच्च गुणवत्ता वाला जीवन दिया जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का कहना है कि भारत में खसरा और रूबेला उन्मूलन अभियान का जमीनी असर दिखाई देने लगा है। इस साल बीते चार महीने के दौरान देश के 332 जिलों में खसरा और 487 जिलों में रूबेला का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विश्व टीकाकरण सप्ताह को लेकर राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान शुरू किया।
उन्होंने बताया कि खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 के तहत बच्चों को खसरा और रूबेला टीके की दो खुराक देकर उन्हें उच्च गुणवत्ता वाला जीवन दिया जा सकता है। इसलिए सभी राज्यों को मिलकर इस टीकाकरण में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा कि तत्काल कार्यवाही की नीति के साथ, हमें एमआर के उन्मूलन को उसी तरह लक्षित करना होगा जिस तरह पोलियो और मातृ एवं नवजात टेटनस उन्मूलन हासिल किया गया था, ताकि कोई भी बच्चा पीछे न छूट जाए।
बच्चों के बेहतर जीवन के लिए जरूरी…
नड्डा ने बताया कि वर्तमान में भारत का एमआर टीकाकरण कवरेज पहली खुराक के लिए 93.7% और दूसरी के लिए 92.2% है। नड्डा ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल खसरा और रूबेला के खिलाफ टीकाकरण का अभियान नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों बच्चों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का एक तरीका है। उन्होंने निगरानी के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि आईडीएसपी को देश में खसरा और रूबेला के प्रत्येक मामले की निगरानी करनी चाहिए और एक भी मामला अनदेखा नहीं रहना चाहिए।
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