हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री (Chief Minister) अचानक जलभराव वाले इलाके का दौरा करने निकले पडे। इस दौरान मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने रविवार को एक अघोषित और औचक दौरे (Surprise visit) में अमीरपेट के बाढ़ प्रभावित बुद्धनगर, मैत्रीवनम और बालकमपेट इलाकों का दौरा किया।
प्रभावित इलाकों में जल निकासी व्यवस्था का जायजा लिया
उन्होंने निवासियों से बातचीत की और जलभराव प्रभावित इलाकों में जल निकासी व्यवस्था का जायजा लिया। बुद्धनगर में, मुख्यमंत्री ने पाया कि जल निकासी नहर कॉलोनी की सड़क से ऊँचे स्तर पर थी, जिससे बाढ़ की समस्या और भी बदतर हो गई। उन्होंने व्यवस्था को तुरंत सुचारू बनाने के आदेश दिए। निवासियों ने मुख्यमंत्री से गंगूबाई बस्ती के तालाब पर पार्किंग के लिए अवैध अतिक्रमण की शिकायत की।

एक विशेष ट्रंक लाइन बिछाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने और स्थायी समाधान के लिए एक विशेष ट्रंक लाइन बिछाने के निर्देश दिए। मैत्रीवनम में, उन्होंने जल जमाव बिंदुओं का निरीक्षण किया, विस्तृत रिपोर्ट मांगी और दीर्घकालिक बाढ़ शमन उपायों के कार्यान्वयन के निर्देश दिए। बालकमपेट में, मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और बाढ़ के प्रभाव और निवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझा। उन्होंने अधिकारियों को सभी प्रभावित परिवारों के लिए राहत और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जलभराव के नुकसान क्या हैं?
Waterlogging एक ऐसी स्थिति है, जब किसी स्थान पर अधिक मात्रा में पानी एकत्रित हो जाता है और वह लंबे समय तक सूखता नहीं है। यह समस्या खासकर शहरों और खेती योग्य क्षेत्रों में देखने को मिलती है।
जलभराव कैसे दूर करें?
बेहतर नाली और सीवरेज व्यवस्था बनाना।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को बढ़ावा देना।
जल निकासी के रास्तों पर अतिक्रमण हटाना।
नालों की नियमित सफाई।
जलभराव का कारण क्या है?
असमुचित जल निकासी व्यवस्था।
अत्यधिक वर्षा।
शहरों में कंक्रीट की सतहें, जिससे पानी जमीन में नहीं जाता।
नदियों और नालों का अतिक्रमण।
प्लास्टिक कचरा और मलबा, जो नालियों को जाम कर देता है।
भूजल स्तर का बढ़ना, खासकर सिंचाई वाले इलाकों में।
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