चीन-बांग्लादेश संबंधों में गर्मजोशी
चीन और बांग्लादेश के रिश्तों को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया गया है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई। यह बातचीत आर्थिक सहयोग, शिक्षा, और सामाजिक विकास जैसे विषयों पर केंद्रित रही।

शी जिनपिंग और यूनुस की मुलाकात
चीन के शीर्ष नेतृत्व ने बांग्लादेश के समाजसेवी और “माइक्रोक्रेडिट” के जनक डॉ. यूनुस से चीन में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की गरीबी उन्मूलन नीति, SME सेक्टर और महिला सशक्तिकरण पर चर्चा की। शी जिनपिंग ने यूनुस के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें चीन-बांग्लादेश संबंधों का “सेतु” बताया।
चीन का नया रणनीतिक दृष्टिकोण
चीनी अधिकारियों ने बताया कि उनका मकसद केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक विकास और मानव संसाधन में भी दीर्घकालिक भागीदारी निभाना है। इसी के तहत चीनी कंपनियाँ अब बांग्लादेश में स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल ढांचे में निवेश को प्राथमिकता देंगी।
बांग्लादेश के लिए ये क्यों है खास?
बांग्लादेश लंबे समय से चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) का हिस्सा है। हालिया बातचीत में इस पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने सहमति जताई कि बांग्लादेश की विकास योजनाओं को वैश्विक समर्थन की जरूरत है और चीन इसमें भागीदार रहेगा।इस मुलाकात को विशेषज्ञ एशिया में कूटनीतिक बदलावों का संकेत मान रहे हैं। भारत, अमेरिका और जापान जैसे देशों के साथ चीन के बढ़ते प्रतिस्पर्धी संबंधों के बीच, बांग्लादेश को विशेष महत्व दिया जा रहा है।