China: अक्साई चिन तक पहुंचेगी चीनी रेल

By Dhanarekha | Updated: August 11, 2025 • 9:30 PM

LAC के करीब बनेगा 2000 किमी कॉरिडोर


बीजिंग: चीन ने शिनजियांग(Xinjiang) से तिब्बत को जोड़ने वाली रणनीतिक रेलवे परियोजना पर तेजी से काम शुरू करने की तैयारी कर ली है। यह रेल लाइन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बेहद करीब से गुजरेगी, जिससे भारत(India) की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रस्तावित 2000 किलोमीटर का यह कॉरिडोर अक्साई चिन क्षेत्र से होकर जाने की संभावना रखता है, जिस पर चीन(China) ने 1962 में कब्जा किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से चीन(China) अपनी सेना को सीमावर्ती इलाकों में और तेजी से पहुंचा सकेगा

शिनजियांग-तिब्बत रेल का रणनीतिक महत्व


यह रेलवे लाइन शिनजियांग के होतान शहर को तिब्बत के शिगात्से से जोड़ेगी और मौजूदा ल्हासा-शिगात्से लाइन से मिलकर एक विशाल कॉरिडोर बनाएगी। अनुमान है कि यह लाइन G219 नेशनल हाईवे के पास से गुजरेगी, जिससे युद्ध या तनाव की स्थिति में चीनी(China) सेना और हथियार LAC के पास आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे।

इस परियोजना का पहला खंड शिगात्से से पखुक्त्सो तक बनेगा, जो पैंगोंग झील के आसपास से होकर गुजर सकता है। हुबेई स्थित हुआयुआन सिक्योरिटीज के मुताबिक, लक्ष्य 2035 तक ल्हासा को केंद्र मानकर 5000 किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क बनाना है।

दुनिया का सबसे ऊंचा रेल मार्ग


शिनजियांग-तिब्बत लाइन औसतन 4500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर होगी और कुनलुन, काराकोरम, कैलाश और हिमालय की पर्वत श्रंखलाओं को पार करेगी। रास्ता ग्लेशियरों, जमी हुई नदियों और पर्माफ्रॉस्ट वाले क्षेत्रों से गुजरेगा, जिससे निर्माण बेहद कठिन होगा।

हालांकि चीन(China) के पास पहले से तीन प्रमुख रेल लाइनें हैं—चिंगहाई-तिब्बत, ल्हासा-शिगात्से और ल्हासा-निंगची—लेकिन नई परियोजना का महत्व रणनीतिक रूप से अधिक है, क्योंकि यह उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी चीन को सीधा जोड़ेगी। निंगची लाइन पहले ही अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब जाती है, जिसे लेकर भारत ने पहले चिंता जताई थी।

भारत के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताएं


शिनजियांग-तिब्बत लाइन की योजना 2008 में बनी थी और 2022 में होटन-शिगात्से खंड का सर्वे शुरू हुआ। परियोजना की लागत 13 अरब डॉलर आंकी गई है। चीन का कहना है कि यह परिवहन विकास के लिए है, लेकिन भारत मानता है कि यह सैन्य दृष्टि से खतरनाक है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस लाइन के पूरा होने से चीन को LAC के पास सैनिकों और हथियारों की तैनाती में बहुत सुविधा होगी। अक्साई चिन पहले से ही भारत-चीन के बीच सबसे संवेदनशील क्षेत्र है और यह परियोजना वहां की स्थिति को और जटिल बना सकती है।

यह रेल लाइन किन क्षेत्रों को जोड़ेगी?
शिनजियांग के होतान शहर से तिब्बत के शिगात्से तक का इलाका जोड़ेगी।

इस परियोजना से भारत को खतरा क्यों है?
क्योंकि यह LAC और अक्साई चिन के पास से गुजरेगी, जिससे सेना और हथियार तेजी से पहुंच सकते हैं।

इस लाइन की विशेष भौगोलिक चुनौती क्या है?
4500 मीटर से अधिक ऊंचाई और कठिन पर्वतीय तथा हिम क्षेत्रों से होकर गुजरना।

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