China : रडार को चकमा देने वाले हाइपरसोनिक ड्रोन तैयार करने में जुटा चीन

By Anuj Kumar | Updated: May 25, 2025 • 11:48 AM

बीजिंग। अमेरिकी चुनौती की निपटने के लिए चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइलें तैयार करने वाले प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। ड्रोन वॉर में चीन अमेरिका से आगे निकलने की फिराक में है। ड्रोन पर नए शोध करते-करते ऐसे हथियारों की खोज शुरू हो गई है कि एक नेटवर्क में कई सारे अनमैंड कॉम्बेट एयर वेहिकल यानी ड्रोन को कनेक्ट करके एक साथ हमला बोला जा सके। इस तकनीक को स्वार्म कहा जाता है।

यह स्मार्ट स्वार्म अकेले मिसाइल से ज्यादा खतरनाक है

बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एक स्टडी में इस स्मार्ट स्वार्म का जिक्र है। चीनी वैज्ञानिक इसी तरह के स्मार्ट स्वार्म पर काम करना शुरू कर चुके हैं। चीन तो एटमॉस्फेयर के भीतर आवाज की गति से 5 गुना तेज चलने वाले हाइपरसोनिक को नेटवर्क में जोड़कर एक स्मार्ट स्वार्म बनाने में जुटा है। यह स्मार्ट स्वार्म अकेले मिसाइल से ज्यादा खतरनाक है। हालांकि ये हाइपरसोनिक वेपन बैलेस्टिक मिसाइल से रफ्तार में धीमी होगी, लेकिन कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता के चलते इन्हें रडार या किसी और माध्यम से पकड़ पाना मुश्किल होगा।

इन स्मार्ट स्वार्म के जरिए परमाणु हथियारों को भी दागा जा सकता है

यही नहीं, इन स्मार्ट स्वार्म के जरिए परमाणु हथियारों को भी दागा जा सकता है। अमेरिका ने भी इसी तरह का एक प्रोग्राम साल 2017 में शुरू किया था जिसका नाम था एमएसईटी यानी मिसाइल मल्टीपल सिमुलटेनियस एंगेजमेंट टेक्नोलॉजी। इसमें कई मिसाइल को एक साथ मिलकर अलग-अलग टार्गेट को निशाना बनाया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, एमएसईटी कोई हाइपरसोनिक मिसाइल वाला स्ट्रैटेजिक सिस्टम नहीं है, बल्कि यह एक छोटे स्तर का टैक्टिकल सिस्टम है। चीनी वैज्ञानिक इसी तरह का स्वार्म बनाने की तैयारी में हैं, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ। भारत भी तकनीकी तौर पर खुद को भविष्य की लड़ाई के लिए तैयार कर रहा है।

इस सिस्टम का नाम है कैट्स यानी कॉम्बेट एयर टीम सिस्टम

भारतीय सेना ने स्वार्मिंग तकनीक को भी शामिल किया है। एचएएल भी उसी तर्ज पर और भी आधुनिक व लंबी मार करने के लिए एक सिस्टम तैयार कर रहा है। इस सिस्टम का नाम है कैट्स यानी कॉम्बेट एयर टीम सिस्टम। यह सिस्टम तीन अलग-अलग ड्रोन के साथ एक ही फाइटर से ऑपरेट किया जा सकता है। पहला ड्रोन सिस्टम है कैट्स वॉरियर, दूसरा है कैट्स हंटर और तीसरा है कैट्स अल्फा। हालांकि चीन जिस तरह से अपनी तकनीक को बढ़ाने में जुटा है और वह हाइपरसोनिक ड्रोन के नेटवर्क के जरिए खुद को ताकतवर बना रहा है, यह भारत के लिए भी चिंता की बात हो सकती है।

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