बीजिंग,। चांगचुन एयर शो में चीन ने अपने जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट को पहली बार एंटी-रेडिएशन मिसाइल के साथ प्रदर्शित किया। यह प्रदर्शन साफ संकेत है कि चीन अपने आधुनिक लड़ाकू विमानों को हवाई युद्ध के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशनों (Electronic Warfare Mission ) के लिए भी तैयार कर रहा है।
एयर शो में जे-35ए का मॉडल
नॉर्थईस्ट चीन के जिलिन प्रांत में चल रहे एयर शो में एविशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना ने जे-35ए का स्केल मॉडल कई मिसाइलों के साथ पेश किया। इन हथियारों में एयर-टू-एयर मिसाइलें पीएल-10ई, पीएल-15ई और पीएल-12एई शामिल थीं।
एलडी-8ए एंटी-रेडिएशन मिसाइल ने खींचा ध्यान
सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली मिसाइल एलडी-8ए एंटी-रेडिएशन मिसाइल रही। जानकार वांग यानान के अनुसार, यह मिसाइलें खासतौर पर उन राडार इंस्टॉलेशन को निशाना बनाती हैं, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स (Electricmagnetic Waves) उत्सर्जित करते हैं। मिसाइलें वेव सोर्स को ट्रैक कर नष्ट कर देती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की तैयारी
इस तरह की मिसाइलें सामान्यत: इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एयरक्राफ्ट (Aircraft) इस्तेमाल करते हैं। जे-35ए के साथ इन्हें प्रदर्शित करने का मतलब है कि यह फाइटर जेट इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर वेरिएंट हो सकता है या इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एयरक्राफ्ट के साथ मिलकर मिशन पूरा कर सकता है।
चीन की हवाई युद्ध क्षमता में वृद्धि
इस कदम से चीन की हवाई युद्ध क्षमता और अधिक घातक हो सकती है, क्योंकि जे-35ए अब न केवल स्टील्थ फाइटर के रूप में, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में भी अपना प्रभाव दिखा सकता है।
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