बीजिंग । कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि चीन (China) में अब ऐसी तकनीक बन रही है जिसके जरिये इंसानों के बच्चे रोबोट से पैदा कराए जा सकेंगे। लेकिन फैक्ट चेक (Fact Check) में ये दावा पूरी तरह झूठा साबित हुआ है। ऐसी कोई तकनीक अब तक विकसित नहीं हुई है, जो मां के गर्भ को मशीन से बदल दे।
वायरल दावे ने उड़ाई दुनिया की नींद
ये अजीबोगरीब दावा कब और कैसे किया गया, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी, लेकिन चीनी मीडिया से खबर फैलते ही पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। दावा था कि एक रोबोटिक्स कंपनी (Robotics Company) इस अनोखे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और तकनीक लगभग पूरी हो चुकी है।
फर्जी वैज्ञानिक और झूठे दावे
रिपोर्ट में जिस वैज्ञानिक का नाम दिया गया था, दरअसल ऐसा कोई वैज्ञानिक है ही नहीं। यही नहीं, सिंगापुर की नायांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी का नाम भी इस प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा गया था, लेकिन वहां भी ऐसा कोई शोध कार्य नहीं चल रहा है।
विशेषज्ञों ने किया खंडन
रिपोर्ट में येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिप्रोडक्टिव एंड प्लेसेंटल रिसर्च यूनिट के डायरेक्टर डॉक्टर हार्वे किलमैन का हवाला दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई तकनीक बन ही नहीं सकती। गर्भावस्था की जटिलताओं और चुनौतियों को देखते हुए यह समझना जरूरी है कि एक सामान्य और स्वस्थ गर्भावस्था कितनी अद्भुत और चमत्कारी होती है।
साइंस फिक्शन जैसा लगा दावा
दरअसल प्रेग्नेंसी रोबोट वाली कहानी वायरल इसलिए हुई क्योंकि चीनी रिपोर्ट में कई नामों का इस्तेमाल किया गया था, जो सुनने में ऑथेंटिक लग रहे थे। यह किसी साइंस फिक्शन की तरह था, जिस पर लोगों ने भरोसा कर लिया। लेकिन हकीकत यह है कि ऐसी किसी भी तकनीक या रिसर्च की जानकारी दुनिया में कहीं उजागर नहीं हुई है।
सोशल मीडिया और मीडिया में फैली फेक न्यूज
सोशल मीडिया ही नहीं, बल्कि मेनस्ट्रीम मीडिया तक में यह खबर फैल गई थी। अब स्पष्ट है कि चीन का “मदर रोबोट” महज एक फेक कहानी थी।
रोबोट्स की मां कौन है?
रोबोट्स की जननी कही जाने वाली कैरोल रीली पिछले 20 वर्षों से रोबोटिक अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला पर काम कर रही हैं।
आर्य रोबोट की कीमत कितनी है?
जो लास वेगास स्थित रोबोटिक्स कंपनी रियलबोटिक्स द्वारा विकसित और डिजाइन किया गया 175,000 डॉलर का संवादी रोबोट है।
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