अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच China ने 85 हजार भारतीयों को दिया वीजा, कहा ‘मित्रों का स्वागत है’
नई दिल्ली/बीजिंग: वैश्विक राजनीति में जहां एक ओर अमेरिका और China के बीच ट्रेड वॉर दिन-ब-दिन और तीव्र होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन और भारत के बीच कुछ सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं। चीन ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए 85,000 भारतीय नागरिकों को वीजा जारी किया है। चीन सरकार ने इस फैसले को “मित्रता का संकेत” बताते हुए कहा कि “भारतीय मित्रों का स्वागत है।”यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं – अमेरिका और चीन – एक बार फिर टैरिफ, टेक्नोलॉजी और व्यापारिक नियंत्रणों को लेकर आमने-सामने हैं।
China का सकारात्मक रुख: क्यों खास है ये फैसला?
China ने भारतीय व्यापारियों, छात्रों, पर्यटकों और पेशेवरों को बड़े पैमाने पर वीजा जारी करने की प्रक्रिया तेज की है। 2024 के अंत से अब तक लगभग 85,000 भारतीयों को वीजा जारी किया गया, जिसमें से अधिकांश व्यापारिक, शैक्षणिक और टूरिस्ट वीजा हैं।बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

अमेरिका के साथ China की तकरार
चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव अब किसी से छिपा नहीं है। चिप निर्माण, AI टेक्नोलॉजी, 5G नेटवर्क और समुद्री व्यापार पर प्रतिबंधों की होड़ चल रही है। अमेरिका ने कई चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, तो वहीं चीन भी अमेरिकी कंपनियों को अपने बाज़ार से बाहर करने में लगा है।इसी तनाव के बीच China का भारत के प्रति यह नरम रुख कूटनीतिक तौर पर रणनीतिक माना जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन, भारत जैसे देशों के साथ संबंध सुधारकर वैश्विक संतुलन बनाए रखना चाहता है।
किन-किन वर्गों को मिला वीजा?
China द्वारा वीजा जारी किए गए भारतीय नागरिकों में प्रमुखतः ये वर्ग शामिल हैं:
- विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्र – खासकर मेडिकल और इंजीनियरिंग स्ट्रीम के
- बिजनेस प्रतिनिधि और व्यापारी
- आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के प्रोफेशनल्स
- पर्यटक और ट्रैवल ब्लॉगर
- कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम में शामिल छात्र
भारत की प्रतिक्रिया
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने इस पहल की सराहना की है और कहा है कि “दोनों देशों के बीच आपसी संवाद और संपर्क को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।” मंत्रालय ने आगे यह भी बताया कि अब China की ओर से ई-वीजा और मल्टीपल एंट्री वीजा की सुविधा को लेकर भी बातचीत चल रही है।

इसका क्या असर हो सकता है?
- व्यापारिक रिश्तों में सुधार: चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार पहले से ही 135 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। वीजा में राहत से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
- शिक्षा और अनुसंधान का आदान-प्रदान: भारतीय छात्रों को चीन की यूनिवर्सिटी में वापसी का मौका मिलेगा।
- पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा: दोनों देशों के नागरिकों के बीच यात्रा सुगम होने से पर्यटन बढ़ेगा।
- सॉफ्ट डिप्लोमेसी में बढ़त: चीन इस फैसले के जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ प्रो. संजय बर्वे का कहना है, “यह केवल एक वीजा निर्णय नहीं है, बल्कि यह China की ओर से भारत के प्रति एक डिप्लोमैटिक जैस्चर है, जिससे वह अमेरिका को संदेश देना चाहता है कि उसके पास वैकल्पिक भागीदार मौजूद हैं।”