नई दिल्ली। भारत के दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी (China Foriegn Minister Wang Yi) ने अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर से भारत की तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करने का वादा किया है। पहला फर्टिलाइजर, दूसरा रेयर अर्थ मिनरल्स और तीसरा सुरंग खोदने वाली मशीनों की ज़रूरतों को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। बता दें कि भारत रेयर अर्थ मिनरल्स की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ लंबे समय से बातचीत कर रहा है, जो इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टर्बाइन और रक्षा विनिर्माण सहित विभिन्न उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। विदेश मंत्री जयशंकर (Foriegn Minister Jayshankar) ने कहा, इस कोशिश में हमें तीन परस्पर सिद्धांतों- परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हित- से निर्देशित होना होगा। विभिन्नताएं विवाद का कारण नहीं बननी चाहिए और प्रतिस्पर्धा टकराव में नहीं बदलनी चाहिए।
वार्ता करने के लिए दो-दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए हैं
चीना विदेश मंत्री वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे को लेकर वार्ता करने के लिए दो-दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए हैं। जयशंकर ने दो-दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद चीनी विदेश मंत्री के साथ व्यापक वार्ता की। वांग की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है। साल 2020 में गलवान घाटी में घातक संघर्ष के बाद भारत-चीन के रिश्तों में गंभीर तनाव आ गया था। इसके मद्देनजर चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को मोटे तौर पर दोनों पड़ोसी देशों द्वारा संबंधों के सुधारने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारी भरकम टैरिफ लगा दिया है
सूत्रों ने बताया है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर को आश्वासन दिया है कि उनका देश चीन भारत को फर्टिलाइजर, रेयर अर्थ मिनरल्स और सुरंग खोदने वाली मशीनों की ज़रूरतों को पूरा करेगा। चीनी विदेश मंत्री ने यह आश्वासन ऐसे वक्त में दिया है, जब भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारी भरकम टैरिफ लगा दिया है। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि भारत और चीन को संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जो आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित हो। वांग के साथ बैठक में अपनी शुरुआती टिप्पणियों में विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
चार साल से अधिक समय से गतिरोध चल रहा है
इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच चार साल से अधिक समय से गतिरोध चल रहा है। अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक अन्य प्रमुख प्राथमिकता बताया तथा उन विशेष चिंताओं का भी जिक्र किया, जिन्हें उन्होंने पिछले महीने बीजिंग यात्रा के दौरान उठाया था। उन्होंने कहा, हमारे संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद, अब दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।’
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