नई दिल्ली, 23 सितंबर 2025: दिल्ली की ऐतिहासिक लवकुश रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडेय की मंदोदरी की भूमिका पर मचे विवाद के बाद आयोजकों ने अंततः उन्हें शो से हटा दिया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और भाजपा के विरोध के दबाव में लवकुश रामलीला समिति ने यह निर्णय लिया, जो धार्मिक आयोजन की पवित्रता और सांस्कृतिक मर्यादा को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया। रामलीला 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक लाल किले के मैदान में आयोजित हो रही है, जिसमें आर्य बब्बर रावण, किंशुक वैद्य राम, रिनी आर्य सीता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी परशुराम की भूमिकाओं के साथ भव्य मंचन हो रहा है।
विवाद की शुरुआत
लवकुश रामलीला समिति ने 17 सितंबर को घोषणा की थी कि पूनम पांडेय रावण की पत्नी मंदोदरी का किरदार निभाएंगी। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विवादास्पद हो गई। पूनम, जो अपनी बोल्ड इमेज और 2024 में कैंसर जागरूकता के नाम पर फेक डेथ प्रैंक के लिए जानी जाती हैं, को इस पवित्र भूमिका के लिए अनुपयुक्त मानते हुए VHP और भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई। VHP ने 19 सितंबर को समिति को पत्र लिखकर कहा कि कलाकारों का चयन न केवल अभिनय क्षमता पर, बल्कि सांस्कृतिक उपयुक्तता और भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखकर होना चाहिए।
भाजपा के दिल्ली मीडिया सेल प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर, जो समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं, ने 22 सितंबर को आयोजकों को पत्र लिखा और पूनम को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा, “पूनम पांडेय न केवल लंबे समय से स्क्रीन से दूर हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर उनकी फोटो और वीडियो विवादों का कारण बने हैं।”
आयोजकों का रुख
शुरुआत में समिति ने विरोध को खारिज कर दिया था। समिति अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा, “पूनम ने खुद संपर्क किया और भूमिका के लिए अनुरोध किया। हम 20 वर्षों से बॉलीवुड कलाकारों को शामिल कर रहे हैं, और एक कलाकार को कलाकार ही माना जाता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पूनम 26 सितंबर को दिल्ली पहुंचकर 29-30 सितंबर के प्रदर्शनों के लिए रिहर्सल करेंगी। रावण की भूमिका निभाने वाले आर्य बब्बर ने भी कहा, “मैं VHP की भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन इसका मतलब है कि वे भी पूनम का कंटेंट देखते हैं।”
हालांकि, विरोध बढ़ने पर समिति ने आज (23 सितंबर) फैसला बदल लिया। अध्यक्ष अर्जुन कुमार और महासचिव सुभाष गोयल ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, “पूनम पांडेय को समिति ने मंदोदरी की भूमिका के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन नाम घोषित होने के बाद कई संस्थाओं और समूहों ने आपत्ति जताई। यह रामलीला का मूल उद्देश्य—भगवान श्री राम का संदेश समाज तक पहुंचाना—बाधित हो सकता है। इसलिए हमने उन्हें हटाने का निर्णय लिया।” समिति ने पूनम को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि वे इस फैसले को समझेंगी।
VHP और भाजपा की प्रतिक्रियाएं
VHP के दिल्ली क्षेत्र सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने फैसले का स्वागत किया और कहा, “यह भक्तों की आस्था की रक्षा का सराहनीय कदम है। रामलीला जैसे धार्मिक मंच पर सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान अनिवार्य है।” भाजपा नेता ने कहा, “भगवान सब देख रहे हैं। यह निर्णय सही दिशा में है।” संगठनों ने सुझाव दिया कि भविष्य में पारंपरिक थिएटर पृष्ठभूमि वाले कलाकारों को प्राथमिकता दी जाए।
रामलीला का भविष्य
इस विवाद के बावजूद रामलीला की तैयारियां जोरों पर हैं। आयोजक इसे “विशेष” बनाने का दावा कर रहे हैं, जिसमें भव्य सेट, लाइटिंग और हजारों दर्शकों की उपस्थिति होगी। पूनम की अनुपस्थिति से भूमिका को किसी अन्य कलाकार से भरा जाएगा, लेकिन विवरण अभी स्पष्ट नहीं। यह घटना धार्मिक आयोजनों में सेलिब्रिटी कास्टिंग और सांस्कृतिक संवेदनशीलता पर बहस छेड़ रही है।
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