बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के लिए कानूनी मोर्चे पर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने भोपाल स्थित पटौदी खानदान की कई प्रॉपर्टीज को ‘एनिमी प्रॉपर्टी’ यानी शत्रु संपत्ति करार देते हुए केस की पुनः सुनवाई का आदेश दिया है।
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सैफ अली खान के लिए कानूनी मोर्चे पर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल स्थित पटौदी खानदान की कई प्रॉपर्टीज को ‘एनिमी प्रॉपर्टी’ (Animy Property) यानी शत्रु संपत्ति करार देते हुए केस की पुनः सुनवाई का आदेश दिया है। यह फैसला पिछले 25 साल पुराने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को खारिज करते हुए सुनाया गया है, जिसके तहत अब पूरे मामले की शुरुआत से जांच होने वाली है।
क्या है पूरा मामला?
मामला सैफ अली खान के परिवार की भोपाल में मौजूद प्रॉपर्टीज से जुड़ा है, जिनकी कुल कीमत लगभग 15,000 करोड़ रुपए आंकी गई है। ट्रायल कोर्ट ने साल 2000 में इन संपत्तियों को नवाब हमीदुल्लाह खान की पहली पत्नी की बेटी साजिदा सुल्तान को देने का फैसला सुनाया था। साजिदा सुल्तान सैफ की परदादी थीं। परंतु हाईकोर्ट ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि इस केस की नई सिरे से जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को यह भी निर्देश दिया है कि यह प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी होनी चाहिए।
शत्रु संपत्ति (Anime property) अधिनियम क्या है?
1958 में लागू यह अधिनियम उन संपत्तियों पर लागू होता है जिनके मालिक भारत-पाक विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए और अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी। 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह कानून कड़ा किया गया ताकि ऐसी संपत्तियों को सरकार अपने कब्जे में ले सके। पटौदी खानदान की यह संपत्ति भी इसी श्रेणी में आ रही है क्योंकि नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी आबिदा सुल्तान ने पाकिस्तान जाकर बसना चुना था। इसके कारण भोपाल की ये संपत्तियां अब सरकारी अधीन आ गई हैं।
सैफ अली खान की संपत्तियां और उनका महत्व
सैफ अली खान के पास मुंबई में आलीशान बंगले के अलावा लगभग 800 करोड़ रुपये मूल्य का पटौदी पैलेस भी है, जो अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इस महल को सैफ ने अपने पिता की मृत्यु के बाद बड़ी मेहनत और संसाधन खर्च कर हासिल किया था। भोपाल की प्रॉपर्टीज में शामिल हैं फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा प्रॉपर्टी, जो अब इस फैसले के बाद सरकार के नियंत्रण में आ गई हैं।
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