नई दिल्ली। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देर रात भारी बारिश (Heavy Rain) के बाद सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने की भयावह घटना सामने आई। इस प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। अचानक आए सैलाब में कई दुकानें और ढांचे बह गए, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।
कई दुकानें और मकान क्षतिग्रस्त
जानकारी के अनुसार सहस्त्रधारा में बहते पानी की तेज धारा से सड़क किनारे बनी कई दुकानें और छोटे मकान बह गए। कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। घटना के समय कुछ दुकानों में लोग मौजूद थे, जिन्हें प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
जिला प्रशासन की टीम, एसडीआरएफ (SDRF) और पुलिस रातभर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी रही। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन ने बताया कि इस हादसे में अब तक कम से कम दो लोग लापता हैं और उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है।
स्कूलों में अवकाश घोषित
जिला मजिस्ट्रेट ने आपात आदेश जारी करते हुए एहतियातन कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और नदियों-नालों के पास जाने से बचें।
सीएम धामी ने हालात की ली समीक्षा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क में हैं और स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा,
“देहरादून के सहस्त्रधारा में कल देर रात भारी बारिश के कारण कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस मौके पर पहुँच गए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मैं इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहा हूं।”

टपकेश्वर महादेव मंदिर भी डूबा
भारी बारिश का असर धार्मिक स्थलों पर भी देखने को मिला। देहरादून का प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर बाढ़ की चपेट में आ गया और मंदिर परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया। मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
पर्यटन स्थल पर संकट
सहस्त्रधारा देहरादून का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर साल हजारों लोग प्राकृतिक झरनों और गुफाओं को देखने आते हैं। लेकिन इस घटना ने पर्यटन गतिविधियों पर भी असर डाला है। प्रशासन ने इलाके को फिलहाल खतरनाक घोषित कर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
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