Himachal : आफत बन कर बरसे बादल

By Surekha Bhosle | Updated: July 1, 2025 • 5:22 PM

34 लोगों की मौत, कई घायल

हिमाचल (Himachal) प्रदेश में भारी बारिश का दौर लगातार जारी है. अब मौसम (Season) विभाग की ओर से आज यानी मंगलवार के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है. हिमाचल में भारी बारिश के बाद कई जगह तबाही का मंजर है. सोमवार को शिमला के भट्टाकुफर में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई. मंडी में रातभर मूसलाधार बारिश हुई, जिससे मंडी की कई जगह पर बाढ़ जैसे हालत बन गए. इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों की 285 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।

Himachal पहाड़ी राज्यों पर लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से तबाही देखने को मिल रही है. दोनों ही राज्यों में बादल फटा, जिसके बाद कई लोगों की जान चली गई. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से कई जगह से भूस्खलन, सड़कें ब्लॉक और इमारतें गिरने जैसी घटनाएं सामने आईं. अब भारत मौसम विज्ञान विभाग ने फिर से मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल Himachal के शिमला, मनाली, कुल्लू, कुफरी, बिलासपुर, चंबा, धर्मशाला, हमीरपुर समेत कई जिलों में अगले दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. हिमाचल Himachal में जून में 135 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य औसत 101 मिमी से 34 प्रतिशत ज्यादा है. यह 1901 के बाद से राज्य में जून में दर्ज की गई 21वीं सबसे ज्यादा बारिश थी, जिसने खूब आफत मचाई. इससे कई जगह घटनाएं घटी, जिनमें लोगों की मौत भी हुईं।

अलग-अलग जिलों की 285 सड़कें बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक हिमाचल Himachal में आसमान से आफत बनकर बरसी बारिश के बाद हुई तबाही के बाद से 285 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी की 129 और सिरमौर की 92 सड़कें शामिल हैं. इसके साथ ही 614 ट्रांसफार्मर और 130 वॉटर सप्लाई स्कीम भी बाधित हुई हैं. प्रदेश में 20 जून को मानसून ने एंट्री की थी और तब से अब तक राज्य में अलग-अलग घटनाओं में 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 17 लोगों की मौत तो सड़क हादसों में हो गईं।

5 सेकंड में 5 मंजिला इमारत जमींदोज

सोमवार को शिमला के पास भट्टाकुफर में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई. जानकारी के मुताबिक महज 5 सेकंड में इमारत जमींदोज हो गई. अधिकारियों ने पहले ही इमारत को खाली करवा लिया था. ताकि कोई हताहत न हो. बिलासपुर में एक सरकारी स्कूल में बाढ़ आ गई और 130 से ज़्यादा छात्रों को घर भेजा गया. शिमला के जुंगा इलाके में एक प्राथमिक स्कूल में भी इसी तरह का मंजर था. ऐसे में कई जगहों पर स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. रामपुर में बादल फटने से दो गौशालाएं और कई मवेशी बह गए. हालांकि राहत की बात ये है कि इसमें भी किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है।

भूस्खलन और पत्थर गिरने की जानकारी

शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच जगहों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने की जानकारी सामने आई है. इससे यातायात एक लेन तक सीमित रह गया. सोलन में सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग और चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर पंडोह के पास कैंची मोड़ खंड भी प्रभावित हुआ. सोलन के डिप्टी कमिश्नर मनमोहन शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को मलबा हटाने और संवेदनशील हिस्सों की निगरानी के लिए 24 घंटे मशीनरी तैनात करने का निर्देश दिया. ट्रैफिक पुलिस को आवाजाही को बंद करने और यात्रियों की मदद के लिए तैनात किया गया है।

मंडी के करसोग में फटा बादल

भारी बारिश के चलते मंडी के करसोग में बादल फट गया. बादल फटने की वजह से करसोग के पंजराट गांव और मेगली गांव में घर और गाड़ियां बह गईं . यहां के मेगली में नाले का पानी गांव से होकर बहने लगा, जिससे लगभग 8 घर और दो दर्जन गाड़ियों को क्षति हो गईं.करसोग बाईपास पर सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं. मूसलाधार बारिश के चलते मंडी के करसोग के अलावा धर्मपुर, पंडोह और थुनाग में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए।

कई इलाकों में तबाही का मंजर

पंडोह में नाला इतने रौद्र रूप में बहा कि पानी गांव में भर गया, जिसके बाद कई घरों से लोगों को आधी रात को ही घरों से भागकर सड़कों पर पहुंचना पड़ा. पंडोह स्थित पुलिस कैंप ने लोगों को रहने के लिए जगह दी. धर्मपुर में नदी का पानी लगभग 20 फुट ऊपर बहने लगा, जिससे बाजार और बस अड्डा जलमग्न हो गया. थुनाग में मुख्य बाजार की सड़क में ही नाला बहने लगा. लोगों के घरों में पानी घुस गया. ऐसे में लोगों ने पूरी रात जागकर काटी।

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