हैदराबाद : मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने महिला तीरंदाजी चैंपियन चिकिता तानिपर्ती (Chikita Taniparthi) को अगले ओलंपिक खेलों (Olympic Games ) में पदक जीतने के लिए पूर्ण प्रशिक्षण सहित हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनकर विश्व रिकॉर्ड बनाया
चिकिता ने कनाडा में आयोजित 2025 युवा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने चीन के शंघाई में आयोजित सीनियर विश्व कप टीम स्पर्धा में भी रजत पदक जीता।

विश्व तीरंदाजी चैंपियन चिकिता ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
विश्व तीरंदाजी चैंपियन ने आज मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से शिष्टाचार भेंट की। बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में खेलों को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इच्छुक खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक विजया रमण राव, एसएटी अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी, राजेंद्र राव और अन्य भी उपस्थित थे।
World Archery Awards जीतने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी?
दीपिका कुमारी (Deepika Kumari)
वह विश्व तीरंदाजी पुरस्कार (World Archery Award) जीतने वाली पहली भारतीय महिला तीरंदाज हैं।
दीपिका कुमारी को 2011 में “वर्ल्ड नंबर 1” तीरंदाज के रूप में भी मान्यता मिली थी।
वह भारतीय तीरंदाजी का चेहरा बन चुकी हैं और कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं।
भारतीय महिला एथलीट कौन हैं?
भारत में कई प्रमुख महिला एथलीट हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। कुछ प्रमुख नाम:
- पी. टी. उषा – “उड़नपरी” कहलाने वाली ट्रैक और फील्ड एथलीट
- हिमा दास – 400 मीटर दौड़ में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने वाली
- दुती चंद – 100 मीटर और 200 मीटर स्प्रिंटर
- अनु रानी – भाला फेंक (Javelin Throw) की स्टार खिलाड़ी
- नीरज चोपड़ा – पुरुष हैं, पर एथलेटिक्स में सबसे चर्चित नाम होने के कारण ज़िक्र होता है
- कामलप्रीत कौर – डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक)
इनके अलावा भी कई उभरती हुई भारतीय महिला एथलीट हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं।
पहली महिला तीरंदाजी कौन थी?
भारत की पहली प्रमुख महिला तीरंदाज के रूप में भी दीपिका कुमारी को ही सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिली।
हालाँकि तीरंदाजी भारत में बहुत पहले से प्रचलित रही है (खासकर जनजातीय इलाकों में), लेकिन आधुनिक प्रतिस्पर्धी तीरंदाजी में पहली अंतरराष्ट्रीय स्तर की महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ही थीं, जिन्होंने इसे मुख्यधारा में लाया।
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