हैदराबाद। न्यायमूर्ति पिनाकिनी घोष (Justice Pinakini Ghosh) आयोग ने गुरुवार को कालेश्वरम बहु-स्तरीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना से संबंधित अपनी रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार को सौंप दी। कालेश्वरम आयोग (Kaleshwaram Commission) के अध्यक्ष पीसी घोष ने गुरुवार को बीआरके भवन में सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव राहुल बोज्जा को एक सुरक्षित लिफाफे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपी।
तेलंगाना में सत्ता संभालने वाली कांग्रेस सरकार ने सतर्कता जाँच शुरू की
राहुल बोज्जा रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य के मुख्य सचिव को भेजने के लिए ज़िम्मेदार हैं। दिसंबर 2023 में तेलंगाना में सत्ता संभालने वाली कांग्रेस सरकार ने एक सतर्कता जाँच शुरू की और मेदिगड्डा बैराज को हुए नुकसान और अन्नाराम व सुंडिला बैराज को प्रभावित करने वाले रिसाव के मुद्दों के संबंध में राष्ट्रीय बाँध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) से आकलन का अनुरोध किया। सतर्कता जाँच ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की जिससे संकेत मिलता है कि ये मुद्दे महत्वपूर्ण थे। विधानसभा में एक चर्चा के दौरान, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने न्यायिक जाँच का आदेश देने की अपनी मंशा की घोषणा की, जिसके बाद सरकार ने तुरंत एक आयोग का गठन किया।
आयोग ने 115 व्यक्तियों से पूछताछ की और साक्ष्य एकत्र किए
14 मार्च, 2024 को, राज्य सरकार ने कालेश्वरम परियोजना से जुड़ी अनियमितताओं की जाँच के लिए न्यायमूर्ति पीसी घोष आयोग का गठन किया। अपनी 15 महीने की जाँच के दौरान, आयोग ने 115 व्यक्तियों से पूछताछ की और साक्ष्य एकत्र किए। इस जाँच के तहत, आयोग ने परियोजना से जुड़े विभिन्न पक्षों, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पूर्व सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव और सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, से पूछताछ की और आवश्यकतानुसार जिरह की। आयोग ने सतर्कता रिपोर्टों की समीक्षा और एनडीएसए रिपोर्टों का भी परीक्षण किया। अंततः, न्यायमूर्ति पीसी घोष ने अपने निष्कर्ष राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए।
कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना क्या है?
यह दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं में से एक मानी जाती है।
कालेश्वरम में कौन सी नदी बहती है?
कालेश्वरम में गोदावरी नदी बहती है।
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