Hyderabad : भोजन विषाक्तता और प्रजनन क्लिनिक में कदाचार पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट

By Ankit Jaiswal | Updated: July 29, 2025 • 2:33 AM

घटना के बारे में रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया

हैदराबाद। न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की अध्यक्षता में तेलंगाना मानवाधिकार आयोग (TGHRC) ने नागरकुरनूल जिले के उय्यालवाड़ा के पास महात्मा ज्योतिबा फुले बीसी वेलफेयर गुरुकुल स्कूल में भोजन विषाक्तता की घटना के बारे में रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव से सोमवार तक घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है

अवैध और अनैतिक प्रथाओं से संबंधित गंभीर आरोपों पर भी लिया स्वतः संज्ञान

TGHRC ने 27 और 28 जुलाई को विभिन्न समाचार पत्रों में सिकंदराबाद स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर और हैदराबाद, विजयवाड़ा तथा विशाखापत्तनम में इसके संबद्ध क्लीनिकों में अवैध और अनैतिक प्रथाओं से संबंधित गंभीर आरोपों पर भी स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

मानवाधिकार आयोग क्या है?

देश के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा और उल्लंघन की स्थिति में न्याय दिलाने के उद्देश्य से गठित एक स्वतंत्र संस्था को मानवाधिकार आयोग कहा जाता है। यह जांच, सिफारिश, जागरूकता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।

भारत में मानवाधिकार का जनक कौन था?

डॉ. बी. आर. आंबेडकर को भारत में मानवाधिकारों का जनक माना जाता है। उन्होंने संविधान निर्माण में समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय जैसे मूल अधिकारों को शामिल कर प्रत्येक व्यक्ति के मानवाधिकारों की नींव रखी थी।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना कब हुई थी?

भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को “मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993” के तहत की गई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह आयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की स्वतंत्र जांच कर सकता है।

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