मऊ, 19 जुलाई 2025: मऊ-बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-128B) को फोरलेन बनाने की मंजूरी को लेकर घोसी लोकसभा क्षेत्र में सियासी घमासान मच गया है। इस परियोजना का श्रेय लेने की होड़ में सांसद राजीव राय और उत्तर प्रदेश के ऊर्जा व नगर विकास मंत्री एके शर्मा आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं के दावों ने सोशल मीडिया पर एक नई जंग छेड़ दी है, लेकिन जनता यह सवाल पूछ रही है कि आखिर इस विकास का असली हकदार कौन है?
घोसी सपा सांसद राजीव राय का दावा
घोसी के सपा सांसद राजीव राय ने दावा किया कि उनकी पहल पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस परियोजना को मंजूरी दिलाई गई। उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए बताया कि राजीव राय ने लंबे समय तक इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद गडकरी ने इसकी अनुशंसा की।
दूसरी ओर, एके शर्मा ने 19 जुलाई को ट्वीट कर दावा किया कि उनके पत्र के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस मार्ग को फोरलेन बनाने की मंजूरी दी। शर्मा के इस दावे ने राजीव राय के समर्थकों को भड़का दिया, जो इसे “श्रेय चुराने की कोशिश” करार दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर छिड़ी इस जंग में दोनों पक्षों के समर्थक एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। राजीव राय के समर्थकों का कहना है कि सांसद ने क्षेत्र के विकास के लिए दिन-रात मेहनत की, जबकि शर्मा केवल सियासी फायदा उठाने के लिए दावे कर रहे हैं।
वहीं, शर्मा समर्थक तर्क दे रहे हैं कि उनकी केंद्रीय नेताओं तक पहुंच और प्रभाव ने इस मंजूरी को संभव बनाया। इस बीच, स्थानीय लोग भ्रमित हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह परियोजना जनता के लिए है या नेताओं की वाहवाही का साधन?
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एके शर्मा कौन से मंत्री हैं?
“पीएम मोदी के करीबी आईएएस एके शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाया गया नगर विकास और ऊर्जा मंत्री” ।