
मुंबई पर हुए 26/11 हमलों के अभियुक्त तहव्वुर राना को अमेरिका से भारत लाए जाने पर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की ओर से एक बयान जारी किया गया है.
बयान में केंद्र की मोदी सरकार पर तहव्वुर हुसैन राना के प्रत्यर्पण का श्रेय लेने का आरोप लगाया गया है.
बयान में कहा गया, “मुझे खुशी है कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राना को 10 अप्रैल, 2025 को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया, लेकिन पूरी कहानी बताना ज़रूरी है.”
“जबकि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है, सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है.”
चिदंबरम ने बयान में कहा, “इस दिशा में पहली बड़ी कार्रवाई 11 नवंबर 2009 को हुई. 2014 में सरकार बदलने के बाद भी, जो प्रक्रिया चल रही थी, वह यूपीए सरकार के समय शुरू हुई संस्थागत पहल की वजह से जीवित रही.”
उन्होंने कहा, “फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़े होकर इस पूरे मामले का श्रेय लेने की कोशिश करते नज़र आए.”
“17 फरवरी तक भारतीय अधिकारियों ने पुष्टि कर दी कि राना 2005 से ही लश्कर और आईएसआई के साथ मिलकर 26/11 की साजिश में शामिल था.”
कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी सरकार ने इस प्रक्रिया की न तो शुरुआत की, न ही कोई नई सफलता हासिल की. वह केवल उस संस्थागत ढांचे का लाभ उठा रही है, जिसे यूपीए सरकार ने वर्षों की मेहनत, समझदारी और राजनयिक दूरदर्शिता से खड़ा किया था.”