स्थानीय नेताओं को मिलेगा अधिक महत्व
कांग्रेस पार्टी ने आगामी चुनावों के मद्देनज़र टिकट वितरण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब पार्टी उम्मीदवारों के चयन में जिला, ब्लॉक और मंडल स्तर के अध्यक्षों की सिफारिश को प्रमुखता दी जाएगी। यह कदम जमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मान देने और संगठन को मजबूती देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कार्यकर्ताओं की भूमिका को मान्यता देना
- पुराने सिस्टम में निर्णय अधिकतर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिए जाते थे।
- कई कार्यकर्ता यह महसूस करते थे कि उनकी मेहनत और क्षेत्रीय पकड़ की अनदेखी होती है।
- अब स्थानीय नेताओं की सिफारिशों के आधार पर टिकट तय करने से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा।
कांग्रेस अब आगे होने वाले पंचायतीराज और शहरी निकायों के चुनावों में 50 प्रतिशत टिकट वितरण युवाओं को देगी। इनमें 50 साल से कम उम्र वालों को टिकट देने का फैसला किया है।
कांग्रेस हाईकमान के आदेशों के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने इस पर काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं को ग्राउंड में नए युवाओं और नेताओं को छांटकर उन्हें चुनावी राजनीति के लिए तैयार करने का टास्क सौंपा है।
टिकट बांटने का पुराना फॉर्मूला बदलने का भी फैसला किया है। विधानसभा, लोकसभा से लेकर स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनावों में उम्मीदवार तय करने में अब जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की राय भी मायने रखेंगी।
टिकट बंटवारे में जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों का फीडबैक लिया जाएगा। केवल प्रदेश लेवल के बड़े नेताओं की राय से ही टिकट तय नहीं होंगे। अब तक प्रदेश चुनाव समिति में शामिल नेता ही टिकटों पर फैसला करते रहे हैं।
पार्षद से लेकर चेयरमैन, प्रधान, प्रमुख अब युवा बनेंगे
शहरी निकायों में पार्षद के साथ ही नगरपालिका अध्यक्ष, नगर परिषद सभापति, मेयर के चुनाव होते हैं। पंचायतीराज संस्थाओं में जिला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, प्रधान, सरपंच और वार्ड पंच चुने जाते हैं। सरपंच और वार्ड पंच के चुनाव अभी राजनीतिक दलों के सिंबल पर नहीं लड़े जाते हैं, बाकी सभी के चुनाव सिंबल पर होते हैं। 50 प्रतिशत टिकट 50 साल से कम उम्र वालों को देने से इन पदों पर युवाओं की संख्या बढ़ेगी।
वन स्टेट-वन इलेक्शन के कारण अभी चुनावों में देरी
सरकार ने वन स्टेट-वन इलेक्शन के तहत सभी निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ करवाने की घोषणा कर रखी है। करीब 7000 पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक लगाए जा चुके हैं। शहरी निकायों में भी प्रशासक लगे हैं। सरकार इस साल के अंत तक निकाय चुनाव करवा सकती है। पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव अगले साल तक हो सकते हैं। निकाय और पंचायतीराज चुनावों में देरी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग है।
डोटासरा बोले- 50 प्रतिशत टिकट युवाओं को देंगे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- चुनावों के टिकट वितरण में मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष की प्रमुख भूमिका रहेगी। हम स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनावों में इस बार से 50 प्रतिशत टिकट 50 साल से कम उम्र के युवाओं को देंगे। हमें कांग्रेस हाईकमान से इसके निर्देश मिले हैं, जिनकी पालना होगी।
उदयपुर घोषणा पत्र का फैसला, अब लागू होगा
कांग्रेस ने 2022 में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में उदयपुर घोषणा पत्र जारी कर संगठन से जुड़े कई फैसले किए थे। उदयपुर घोषणा पत्र में 50 प्रतिशत टिकट 50 साल से कम वालों को देने की घोषणा की थी। राजस्थान में आगे होने वाले स्थानीय चुनावों से इसे लागू किया जा रहा है। कांग्रेस ने संगठन से जुड़े फैसलों को फेज मैनर में लागू करने की घोषणा की थी। स्थानीय चुनावों के बाद इसी फॉर्मूले को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी लागू करने की बात कही गई थी।