एससी/एसटी कल्याण निधि को गारंटी योजनाओं का मामला
बेंगलुरु। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार अपने विवादास्पद वित्तीय फैसलों को लेकर एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में आ गई है, क्योंकि वह अनुसूचित जाति उप-योजना (SCSP) और जनजातीय उप-योजना (TSP) के लिए निर्धारित धनराशि को अपनी बहुप्रचारित गारंटी योजनाओं में लगाने की योजना बना रही है। इस कदम से दलित संगठनों और विपक्षी दलों में व्यापक आक्रोश फैल गया है, जिन्होंने सरकार पर हाशिए पर पड़े समुदायों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।
11,896.84 करोड़ रुपये आवंटित करने पर कर रही है विचार
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए, एससीएसपी-टीएसपी योजनाओं के अंतर्गत कुल ₹42,017.51 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें से, सरकार कथित तौर पर अपने गारंटी कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए 11,896.84 करोड़ रुपये आवंटित करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इसमें ‘युवनिधि’ बेरोजगारी योजना के लिए 162 करोड़ रुपये, ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के लिए 7,438 करोड़ रुपये, ‘गृह ज्योति’ (मुफ्त बिजली) के लिए 2,626 करोड़ रुपये, ‘शक्ति’ मुफ्त बस यात्रा योजना के लिए 1,537 करोड़ रुपये और ‘अन्न भाग्य’ मुफ्त चावल योजना के लिए 1,670 करोड़ रुपये शामिल हैं।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विकास परिषद की बैठक 5 अगस्त को
यह पहली बार नहीं है जब एससीएसपी-टीएसपी फंड को पुनर्निर्देशित किया गया है। 2024-25 के बजट में भी इसी तरह का फेरबदल किया गया था, जब सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया था कि इन कल्याणकारी निधियों से ₹9,797 करोड़ का इस्तेमाल गारंटी के वित्तपोषण के लिए किया गया था। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विकास परिषद की बैठक 5 अगस्त को होने वाली है, जिसमें इस विवादास्पद निधि के दुरुपयोग पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है।
कांग्रेस पार्टी का इतिहास क्या है?
ब्रिटिश शासन के खिलाफ राजनीतिक मंच के रूप में 1885 में ए. ओ. ह्यूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। आरंभ में यह मंच केवल चर्चा और सुझाव देने तक सीमित था, परंतु धीरे-धीरे यह स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाला सबसे बड़ा संगठन बन गया।
भारत में कितने राज्यों में कांग्रेस की सरकार है?
वर्तमान समय में कांग्रेस की सरकार कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में है। कुछ अन्य राज्यों में यह गठबंधन में शामिल है या विपक्ष की भूमिका में है। हालांकि समय-समय पर राज्यों की राजनीतिक स्थिति बदलती रहती है।
1969 में कांग्रेस का विभाजन क्यों हुआ था?
इंदिरा गांधी और पार्टी के पुराने नेताओं के बीच नीति और नेतृत्व को लेकर मतभेद बढ़ गए थे। राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर विवाद गहराया और अंततः कांग्रेस दो भागों—कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (आई) में विभाजित हो गई। यह विभाजन विचारधारात्मक संघर्ष का परिणाम था।
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