Politics : कांग्रेस 42% आरक्षण के नाम पर पिछड़े वर्गों को गुमराह कर रही है: केटीआर

By Kshama Singh | Updated: July 30, 2025 • 10:11 PM

राज्य सरकार की घोषणा पर व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया

राजन्ना-सिरसिला। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (KT Rama Rao) ने कहा कि कांग्रेस सरकार 42 प्रतिशत आरक्षण का वादा करके पिछड़े वर्गों (BC) को गुमराह कर रही है। पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली में धरना देने की राज्य सरकार की घोषणा पर व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रामा राव ने कहा कि इस कदम में विश्वसनीयता की कमी है, क्योंकि मुख्यमंत्री अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को निभाने में भी विफल रहे हैं। उन्होंने सिरसिला में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी , जो अपने नियमित कर्तव्यों का पालन भी नहीं कर सकते, दिल्ली में कुछ हासिल करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?” मुख्यमंत्री की ‘झूठी शान’ पर कटाक्ष करते हुए रामा राव ने कहा, ‘रेवंत रेड्डी बकवास कर रहे हैं। मैं अभद्र भाषा का इस्तेमाल तभी बंद करूँगा जब वह भी ऐसा ही करेंगे।

मैं मुख्यमंत्री की आलोचना करता हूँ तो बंडी संजय बीच में क्यों आ जाते हैं?

उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार की संलिप्तता पर भी सवाल उठाया, जब भी उन्होंने रेवंत रेड्डी की आलोचना की। उन्होंने गहरी राजनीतिक साज़िश का आरोप लगाते हुए पूछा, ‘अगर मैं मुख्यमंत्री की आलोचना करता हूँ तो बंडी संजय बीच में क्यों आ जाते हैं?’ रामा राव ने रेवंत रेड्डी और संजय कुमार दोनों पर तेलंगाना में बीआरएस को नष्ट करने और गोदावरी नदी के पानी को आंध्र प्रदेश की ओर मोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह साज़िश केवल के. चंद्रशेखर राव की अनुपस्थिति में ही संभव है। इसीलिए वे एक साथ काम कर रहे हैं।’ उन्होंने लोगों से फिर से सांप्रदायिक या जाति-आधारित चालों में न फंसने का आग्रह किया।

हर चुनावी मौसम में कांग्रेस पैसे बाँटती है

उन्होंने कहा, ‘हर चुनावी मौसम में कांग्रेस पैसे बाँटती है। सत्ता में आते ही वे जनता को भूल जाते हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले किए गए छह वादों को पूरा न करके जनता के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा, ‘किसानों को न तो ऋतु बंधु, न ही ऋतु बीमा, न ही बोनस और न ही पर्याप्त बिजली मिल रही है। सरकार यूरिया की आपूर्ति के लिए भी संघर्ष कर रही है। उसने मात्र 20 महीनों में ही जनता का समर्थन खो दिया है।’ उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी स्थानीय चुनावों में हर बूथ पर बहुमत हासिल करने के लिए पूरी लगन से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे आलोचकों का मुँह बंद करने के लिए हर एक सीट जीतना ज़रूरी है।’ उन्होंने विश्वास जताया कि बीआरएस के अच्छे दिन आने वाले हैं।

कांग्रेस की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

1885 में ए. ओ. ह्यूम नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की पहल पर भारतीय नेताओं ने मिलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। इसका उद्देश्य भारतीयों को एक राजनीतिक मंच देना और ब्रिटिश शासन से सुधारों की मांग करना था। धीरे-धीरे यह आज़ादी के आंदोलन की अगुआ बनी।

1969 में कांग्रेस का विभाजन क्यों हुआ था?

आंतरिक मतभेद, विशेष रूप से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच टकराव, विभाजन का मुख्य कारण बना। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विवाद गहराया और अंततः पार्टी दो भागों—कांग्रेस (आई) और कांग्रेस (ओ)—में बंट गई।

कांग्रेस ने देश को क्या दिया था?

स्वतंत्रता संग्राम में नेतृत्व देने के साथ-साथ कांग्रेस ने आज़ाद भारत को संविधान, लोकतंत्र, पंचायती राज, हरित क्रांति और औद्योगिक विकास जैसी महत्वपूर्ण नीतियाँ दीं। सामाजिक न्याय, शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भी इसकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।

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