नई दिल्ली: खुर्शीद ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा रहे हैं। मलेशिया में पाकिस्तान की कूटीनीतिक कोशिशों पर खुर्शीद ने कहा कि वहां पाकिस्तान हाई कमिशन की तरफ से एक प्रेस नोट भेजा गया था कि जो भी बात ये लोग कह रहे हैं वह गलत है। लेकिन उस चिट्ठी में ना ही कोई तथ्य थे ना ही कोई लॉजिक था ना ही उसमें कोई सेंस था तो उसको हमने इग्नोर किया.
आतंकवाद का खात्मा भारत की सामूहिक राय
यह बात सही है कि पाकिस्तान का डेलिगेशन भी कई जगह गया है ,लेकिन जहां-जहां हम गए वहां पाकिस्तान का डेलिगेशन नहीं गया । उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि यहां सब लोग जो जानकार हैं वह यह कह रहे हैं कि जाने का अच्छा असर पड़ा। क्योंकि ये भारत की सामूहिक राय है कि आतंकवाद पूरे विश्व भर में समाप्त होना चाहिए।
जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हैं उन सभी को यह समझना पड़ेगा कि अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। यह संदेश हर जगह पहुंचा और इसको हर जगह लोगों ने अच्छे से रिसीव किया। जाहिर है कि यह सरकार की पहल है लेकिन हमारी पार्टी और विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने भी इसको पूरा सहयोग दिया। एक चीज भारतवर्ष के बारे में है उसमें हमारे जितने भी डिफरेंस हो जहां भी भारत की अस्मिता का सुरक्षा का सवाल आता है वहां पर हम एक भाषा में बात करते हैं।
क्या मलेशिया में जो हुआ वो इफेक्टिव डिप्लोमेसी था?
खुर्शीद से जब यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं मान लेना चाहिए कि हमने पूरा मैदान ही जीत लिया है। हमको बहुत ही प्रयास करना पड़ा, लोगों को समझाना पड़ा। कुछ देश बहुत तैयार बैठे रहते हैं उनकी विभिन्न परिस्थितियां होती हैं।
उनकी अपनी मजबूरियां होती हैं उसको लेकर कहीं ना कहीं थोड़ा relutance होता है। इस पेशकश की एक अच्छाई है कि उनके साथ आप आमने-सामने बातचीत कर सकते हैं। आप जो बातचीत करते हैं डायलॉग करते हैं उससे कुछ ना कुछ असर जरूर होता है। बहुत अच्छा रिस्पांस हमको मिला प्रतिक्रिया जो भी हमने वहां सुनी उससे लगा कि हमारा जाना बहुत अच्छा था और इससे देश का बहुत फायदा होगा।
धारा 370 और कश्मीर पर क्या बोले खुर्शीद?
370 पर उनके बयान से विवाद से जुड़े सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि पार्टी स्टेटहुड पर ही इस वक्त फोकस कर रही है और वहां के जो चुने हुए हमारे नुमाइंदे विधानसभा में हैं वह भी जो स्टेट की बात कर रहे हैं। चीफ मिनिस्टर भी स्टेट हुड की बात कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा था कि सरकार ने हमको यह एश्योरेंस दिया है कि स्टेटहुड जल्दी मिल जाएगा। स्टेट हुड पर मैं समझता हूं कि हम सब एक ही राय के हैं अब केंद्र को फैसला लेना है।