नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने दिल्ली में आयोजित मीडिया सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण का वादा करके पिछड़े वर्गों को धोखा देने की कोशिश कर रही है। जब राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री (Chief Minister) थे, तब पिछड़े वर्ग-ई के नाम पर मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। उच्च न्यायालय ने दो बार फैसला सुनाया है कि आरक्षण असंवैधानिक है और ऐसे आरक्षण अमान्य हैं।
कांग्रेस पार्टी पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय कर रही : किशन रेड्डी
हालाँकि, वे सर्वोच्च न्यायालय गए हैं और इसे ज़रूरत से ज़्यादा लागू कर रहे हैं और स्थगन प्राप्त कर रहे हैं। अब, मुसलमानों के लिए आरक्षण को 4 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करके, कांग्रेस पार्टी पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय कर रही है। उसने जाति जनगणना के नाम पर पिछड़े वर्गों की आबादी को तेज़ी से कम करने की कोशिश की है। उसने कहा है कि 56 प्रतिशत पिछड़े वर्ग हैं, लेकिन उनमें से 10 प्रतिशत मुसलमानों को दिखाया है। वह यह कहकर पिछड़े वर्गों को धोखा देने की कोशिश कर रही है कि केवल 46 प्रतिशत ही असली पिछड़े वर्ग हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को फ़ायदा पहुँचाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जवाब देना होगा कि स्थानीय निकायों में उसके द्वारा दिए जा रहे 42 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाने के लिए कौन निर्णय ले रहा है। पहले आरक्षण केवल शारीरिक श्रम करने वाली जातियों को ही दिया जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए 10 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ मुस्लिम समुदायों को भी मिलने की संभावना है। रेवंत रेड्डी और राहुल गांधी संविधान के विरुद्ध पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ-साथ मुसलमानों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं।
यह सर्वविदित है कि पिछले दिनों जीएचएमसी चुनावों में 34 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण के नाम पर एक षड्यंत्र रचा गया था। 150 नगरपालिका प्रभागों में से 50 सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थीं। उन 50 पिछड़ा वर्ग सीटों में से केवल गैर-पिछड़ा वर्ग मजलिस पार्टी के लोग ही जीते थे। उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को फ़ायदा पहुँचाने के अलावा, पिछड़े वर्गों के लिए कोई फ़ायदा नहीं है।
मुख्यमंत्री को पद से इस्तीफा देकर पिछड़े वर्ग को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के कई राज्यों में सत्ता खो रही है। लगातार तीसरी बार देश की जनता ने राहुल गांधी को नकारकर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है। इसी हताशा के चलते राहुल गांधी और रेवंत रेड्डी ऐसी बातें कर रहे हैं। अगर अभी चुनाव भी हो जाएँ, तो कांग्रेस उन राज्यों में हारेगी जहाँ वह सत्ता में है। दूसरों को नैतिकता सिखाने से पहले रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर पिछड़े वर्ग को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
किशन रेड्डी को कौन सा मंत्रालय मिला है ?
किशन रेड्डी (पूर्ण नाम: गंगापुरम किशन रेड्डी) को भारत सरकार में Coal (कोयला) और Mines (खनन) मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है।
केंद्रीय खनन मंत्री कौन हैं?
भारत सरकार में केंद्रीय खनन मंत्री (Union Minister of Mines) के रूप में श्री गंगापुरम किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) को 11 जून 2024 को नियुक्त किया गया था। वे Coal (कोयला) और Mines (खनन) दोनों मंत्रालयों के प्रभारी Cabinet Minister के रूप में कार्यरत हैं।
तेलंगाना में कोयला मंत्री कौन है?
तेलंगाना राज्य में खनन से संबंधित जिम्मेदारी वाले मंत्री हैं श्री गड्डम (Gaddam) विवेकानन्द (विवेक वेंकटस्वाम्य), जो Minister for Mines & Geology के रूप में जून 2025 में कार्यभार संभाले हैं।
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