राज्यसभा में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए अपर्याप्त बजट आवंटन का आरोप लगाया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली पूरी आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। शून्यकाल के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत महिलाओं को आवश्यक मातृत्व लाभ प्रदान नहीं किए जा रहे हैं।
मातृत्व लाभ योजना में गिरावट पर सोनिया गांधी ने उठाए सवाल
सोनिया गांधी ने संसद में कहा कि सितंबर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का आधार बना। इस कानून के तहत अनौपचारिक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये की सहायता देने का प्रावधान था, लेकिन 2017 में शुरू हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में यह राशि घटाकर 5000 रुपये कर दी गई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दूसरे बच्चे के लिए सहायता केवल तभी दी जाती है जब वह बच्ची हो।
सोनिया गांधी ने 2022-23 के विश्लेषण का हवाला देते हुए बताया कि पहले वर्ष 68% गर्भवती महिलाओं को इस योजना के तहत पहली किस्त प्राप्त हुई, लेकिन अगले वर्ष यह आंकड़ा घटकर मात्र 12% रह गया। उन्होंने सरकार से पूछा कि यह गिरावट क्यों हुई और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत मातृत्व लाभ को पूरी तरह लागू करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट की आवश्यकता पर जोर दिया।