नई दिल्ली। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया, उसे कांग्रेस ने लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की ऐतिहासिक जीत बताया है।
अदालत ने कहा कि वोटर लिस्ट से जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, वे आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड और अन्य मान्य दस्तावेज़ों के आधार पर फिर से सूची में शामिल हो सकते हैं।
चुनाव आयोग पर कांग्रेस का सीधा हमला
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले को लेकर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया।
पार्टी का आरोप है कि आयोग ने जानबूझकर करोड़ों मतदाताओं को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मंशा पर पानी फेर दिया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा –“लोकतंत्र ने चुनाव आयोग (Election Comission) के निर्मम हमले को झेलकर खुद को बचा लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुनरीक्षण प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने के लिए गार्डरेल खड़े कर दिए हैं। चुनाव आयोग पूरी तरह उजागर और बदनाम हो गया है।”
राहुल गांधी के संघर्ष का नतीजा
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने इस फैसले को कांग्रेस की लंबी लड़ाई की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी की ओर से उठाई गई मांगों और कांग्रेस के निरंतर आंदोलन का सीधा परिणाम है।
तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने कहा –“यह लोकतंत्र के लिए महान जीत है। राहुल गांधी के नेतृत्व में छेड़े गए अभियान ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया।”
बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार ने इसे राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ और चक्का जाम आंदोलन की सफलता का प्रमाण बताया।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि अदालत ने अपने आदेश में आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को वैध पहचान दस्तावेज़ माना है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि –
- पुनरीक्षण प्रक्रिया में हटाए गए 65 लाख से अधिक नामों की पूरी सूची सार्वजनिक की जाए।
- हटाए गए नामों के कारण स्पष्ट रूप से बताए जाएं।
- पूरी प्रक्रिया को और अधिक वोटर-फ्रेंडली बनाया जाए।
अदालत ने राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर भी आश्चर्य जताया।
कांग्रेस का दावा – “संघर्ष जनता के अधिकार के लिए”
कांग्रेस ने दोहराया कि यह लड़ाई सिर्फ पार्टी की नहीं बल्कि हर उस नागरिक की है, जो लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहता है। पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस हस्तक्षेप ने यह साबित कर दिया है कि विपक्ष की लड़ाई सही दिशा में है और यह लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।
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