कांग्रेस ने गुजरात उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन न करने और अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यह कदम कांग्रेस की राज्य में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की मंशा को दर्शाता है।
2024 में विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी ने गुलाब सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया था। वहीं, AAP ने इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा था, ताकि विपक्षी वोटों का बंटवारा न हो—यह INDIA गठबंधन की रणनीति के तहत किया गया था। गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि भाजपा को टक्कर देने के लिए यह फैसला लिया गया।
कांग्रेस से गठबंधन नही
हालांकि, अब 2025 में AAP ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। मार्च 2025 में पार्टी नेता आतिशी ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन के लिए आप बातचीत नहीं कर रही है, और पार्टी 2027 के गोवा और गुजरात विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
इससे पहले फरवरी 2024 में लोकसभा चुनावों के लिए इन दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का समझौता हुआ था, जिसमें गुजरात की दो सीटों पर AAP लड रही थी। मगर अब उपचुनाव में अकेले उतरने का फैसला बदलती राजनीतिक परिस्थितियों और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर लिया गया लगता है।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि राजनीतिक गठबंधनों की प्रकृति कितनी परिवर्तनशील होती है, और पार्टियां कैसे समय-समय पर अपने फैसले रणनीतिक रूप से बदलती हैं।