स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा
खम्मम: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जिले के चिंताकनी मंडल के रामकृष्णपुरम में रेलवे लेवल क्रॉसिंग संख्या 107 पर सड़क ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए बीआरएस राज्यसभा सदस्य वड्डीराजू रविचंद्र (MP Ravichandra) द्वारा किए गए अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। सांसद ने 7 अगस्त को मंत्री को एक पत्र लिखकर मधिरा विधानसभा क्षेत्र में लेवल क्रॉसिंग पर आरओबी के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह पत्र तब लिखा जब रामकृष्णपुरम के कई नेताओं ने हाल ही में उनसे मुलाकात की और लेवल क्रॉसिंग के कारण उन्हें हो रही कठिनाइयों के बारे में एक ज्ञापन सौंपा। रविचंद्र ने बताया कि खम्मम शहर के पास रामकृष्णपुरम में रेलवे क्रॉसिंग के बार-बार और लंबे समय तक बंद रहने से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खम्मम में समय पर चिकित्सा सहायता की ज़रूरत वाले यात्री, छात्र और मरीज़ अक्सर घंटों रेलवे फाटक पर फंसे रहते हैं, जिससे गंभीर समस्याएँ पैदा होती हैं।
स्थायी समाधान के लिए आरओबी का निर्माण आवश्यक
ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों की बार-बार अपील के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है। सांसद ने कहा कि समस्या के स्थायी समाधान के लिए आरओबी का निर्माण आवश्यक है। उन्होंने रेल मंत्री से इसकी शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 11 अगस्त को रविचंद्र को लिखे पत्र में कहा कि रामकृष्णपुरम के निकट लेवल क्रॉसिंग पर आरओबी बनाने का मुद्दा विभाग द्वारा विचाराधीन है और मामले की जांच के लिए अधिकारियों को उपयुक्त आदेश जारी किए गए हैं।
भारत के वर्तमान रेल मंत्री कौन हैं?
अश्विनी वैश्णव वर्तमान में भारत के रेल मंत्री हैं। उन्होंने 7 जुलाई 2021 को पदभार संभाला था। वे प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण, उच्च गति रेल परियोजनाएं और यात्री सुविधाओं के उन्नयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
भारत में प्रथम रेल मंत्री कौन थे?
स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री जॉन मैथाई थे। उन्होंने 15 अगस्त 1947 से 22 सितंबर 1948 तक इस पद पर कार्य किया। उनके कार्यकाल में रेलवे का पुनर्गठन और प्रशासनिक सुधारों की नींव रखी गई। वे भारतीय स्वतंत्रता के बाद रेलवे मंत्रालय के प्रथम प्रमुख के रूप में जाने जाते हैं।
भारत में कुल कितने रेल मंत्री हैं?
1947 से लेकर अब तक भारत में 43 रेल मंत्री रहे हैं। प्रत्येक मंत्री ने रेलवे के विकास में अलग-अलग तरह से योगदान दिया है। कुछ ने यात्री सुविधाओं पर जोर दिया, तो कुछ ने ढांचागत विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए। आज भी रेलवे नीति में निरंतर सुधार जारी है।
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