84 व्यक्तियों ने लिया भाग
हैदराबाद: शहर की फ्रीमेसनरी (Freemasonry) की प्राथमिक इकाई, लॉज कीज नंबर 297 ने हाल ही में गोशामहल में गोशामहल बारादरी मेसोनिक बिल्डिंग में जीवीके ग्रीन हेल्थ (GVK Green Health) सर्विसेज (पूर्व में जीवीके ईएमआरआई) के सहयोग से दो सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। कुल 84 व्यक्तियों – जिनमें पेशेवर, चिकित्सक, सॉफ्टवेयर कर्मचारी, सेवानिवृत्त अधिकारी, गृहणियां, योग प्रशिक्षक, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, ऑटो और कैब चालक शामिल थे – ने प्रशिक्षण सत्रों में भाग लिया, जो विशेषज्ञों द्वारा निःशुल्क आयोजित किए गए थे। अपनी सामुदायिक आउटरीच पहल ‘सीपीआर एम्बेसडर बनें’ के एक भाग के रूप में आयोजित, लॉज कीज़ का लक्ष्य इस वर्ष 1,000 लोगों को प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन जीवीके ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के डॉ. जी केशव रेड्डी और टी सुमन ने किया।

सीपीआर क्या है और समझाइए?
हृदय और श्वसन की धड़कन रुक जाने पर जीवन बचाने के लिए की जाने वाली आपातकालीन प्रक्रिया को सीपीआर कहते हैं। इसमें छाती पर दबाव और कृत्रिम श्वसन देकर रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बनाए रखा जाता है। यह तकनीक समय पर अपनाने से मरीज की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर क्या है?
चिकित्सकीय भाषा में सीपीआर का अर्थ कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन है। इसका उद्देश्य हृदय और फेफड़ों को कृत्रिम रूप से सक्रिय बनाए रखना है। इसे आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन अचानक बंद हो जाए, ताकि जीवन को बचाया जा सके।
सीपीआर कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्य रूप से सीपीआर दो प्रकार के होते हैं। पहला बेसिक लाइफ सपोर्ट, जिसमें छाती पर दबाव और मुंह से सांस देना शामिल है। दूसरा एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट, जिसमें दवाओं और उपकरणों की मदद से हृदय और श्वसन तंत्र को सक्रिय किया जाता है। दोनों का उद्देश्य जीवन रक्षा करना है।
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