Fraud : साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति से पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा देकर ठगे 27 लाख रुपये

By Ankit Jaiswal | Updated: August 12, 2025 • 2:02 PM

टेलीग्राम ऐप के माध्यम से मिला था भारी मुनाफे का संदेश

हैदराबाद: साइबर जालसाजों (cyber fraud) ने एक 40 वर्षीय व्यक्ति को अंशकालिक नौकरी (part-time job) योजना में भारी कमीशन का लालच देकर 27 लाख रुपये की ठगी कर ली। चारमीनार निवासी इस व्यक्ति को टेलीग्राम ऐप के माध्यम से विभिन्न योजनाओं में निवेश पर भारी मुनाफे का संदेश मिला। पुलिस ने बताया, ‘शुरुआत में, उस व्यक्ति को उसके निवेश पर मुनाफे के तौर पर छोटी रकम दी गई। बाद में, जब उसे अलग-अलग योजनाओं में निवेश करने के लिए झांसा दिया गया, तो उस व्यक्ति ने अलग-अलग खातों में 27 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए और ठगी का शिकार हो गया।’ मामला दर्ज कर लिया गया है

भारत में पहला साइबर अपराध कौन सा था?

देश में पहला दर्ज साइबर अपराध 2001 में महाराष्ट्र में हुआ था, जिसे “बैंगलोर इंटरनेट फ्रॉड” के नाम से जाना गया। इसमें एक व्यक्ति ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराई और धोखाधड़ी की। यह आईटी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ।

साइबर अपराध का क्या अर्थ है?

यह ऐसे अपराध हैं जो कंप्यूटर, इंटरनेट या डिजिटल नेटवर्क का उपयोग करके किए जाते हैं। इनमें डेटा चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, पहचान की चोरी और अश्लील सामग्री का प्रसार जैसे अपराध शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य वित्तीय लाभ, डेटा नष्ट करना या व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना हो सकता है।

कौन सा साइबर अपराध नहीं है?

ऑफलाइन या पारंपरिक अपराध जैसे चोरी, डकैती, शारीरिक हमला या घर में सेंधमारी, साइबर अपराध की श्रेणी में नहीं आते। इनमें इंटरनेट, कंप्यूटर या डिजिटल नेटवर्क का कोई उपयोग नहीं होता, बल्कि यह सीधे भौतिक साधनों और मानव संपर्क पर आधारित होते हैं।

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