दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने एक बड़े साइबर क्राइम सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाकर 2.60 करोड़ रुपये की ठगी कर रहा था। छह महीने के ऑपरेशन के बाद पुलिस ने दिल्ली के ककरोला और उत्तम नगर से संचालित इस गिरोह के 18 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें मास्टरमाइंड, कॉल सेंटर संचालक, डेटा चोर और ट्रैवल एजेंट शामिल हैं। यह ऑपरेशन साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कैसे काम करता था गैंग, सोशल इंजीनियरिंग का जाल
यह गिरोह अवैध कॉल सेंटरों के जरिए देशभर में SBI क्रेडिट कार्ड धारकों को फर्जी कॉल करता था। खुद को बैंक अधिकारी बताकर, वे ‘वन टाइम परमिशन’ और ‘कस्टमर वैल्यू वेरिफिकेशन कोड’ जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल कर ग्राहकों से OTP और (CVV) नंबर हासिल करते थे। इनका उपयोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से इलेक्ट्रॉनिक गिफ्ट कार्ड खरीदने और घरेलू हवाई टिकट बुक करने में किया जाता था। गिरोह ने गुप्त तरीकों से ग्राहकों का डेटा, जैसे नाम, मोबाइल नंबर और कार्ड की जानकारी चुराया था।
धोखाधड़ी का पैसा: नकद और क्रिप्टोकरेंसी
पुलिस के अनुसार, गिफ्ट कार्ड्स को ट्रैवल एजेंटों और बिचौलियों को बेचकर गिरोह नकद या USDT (टीथर) क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान लेता था, जिससे धोखाधड़ी का पैसा वित्तीय प्रणाली से गायब हो जाता था। दिलचस्प बात यह है कि गिरोह ने पकड़े जाने के डर से दिल्ली के SBI ग्राहकों को निशाना नहीं बनाया। इस ऑपरेशन में कुल 2.6 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ।
18 अपराधी गिरफ्तार, कॉल सेंटर सील
दिल्ली पुलिस ने कॉल सेंटर, सिम कार्ड प्रदाता, डेटा चोर और ट्रैवल एजेंटों सहित सभी स्तर के अपराधियों को पकड़ा। डीसीपी (IFSO) हेमंत तिवारी ने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल था, क्योंकि गिरोह ने सोशल इंजीनियरिंग और अंदरूनी साठगांठ का इस्तेमाल किया। कॉल सेंटरों को सील कर दिया गया है और जांच जारी है। आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनजान कॉल्स पर OTP या CVV साझा न करें।
भारत में साइबर अपराध क्या है?
किसी को ऑनलाइन अपमानित करना, मज़ाक उड़ाना या धमकाना, विशेषकर बच्चों और किशोरों को। किसी व्यक्ति की निजी जानकारी जैसे पता, फोन नंबर या तस्वीरें ऑनलाइन साझा करना। नकली ईमेल या वेबसाइट के जरिए लोगों की बैंक जानकारी चुराना। इंटरनेट पर अश्लील मैसेज, फोटो भेजकर डराना या धमकाना।
भारत में कौन सा साइबर कानून है?
भारत में साइबर कानून का मुख्य आधार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000) है, जिसे आईटी अधिनियम या आईटीए-2000 भी कहा जाता है. यह अधिनियम भारत में साइबर अपराधों से निपटने, इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य को विनियमित करने और डेटा सुरक्षा के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है.
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