नई दिल्ली। भारतीय मूल के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल (CEO Prag Agrwal) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में कदम रखते हुए एक नया स्टार्टअप लॉन्च किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि उन्होंने ‘डीप रिसर्च एपीआई’ (Deep Reasearch API) नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। उनका दावा है कि यह एपीआई इंसानों और ओपनएआई के जीपीटी-5 समेत दुनिया के सभी प्रमुख एआई मॉडलों से बेहतर प्रदर्शन करता है। टेक इंडस्ट्री में इस घोषणा से हलचल मच गई है और अब सभी की निगाहें पराग अग्रवाल के इस नए उद्यम पर टिक गईं हैं।
इंसानों और जीपीटी-5 समेत सभी प्रमुख मॉडलों को पीछे छोड़ दिया है
एक रिपोर्ट के मुताबिक पराग अग्रवाल ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि डीप रिसर्च एपीआई ने दो सबसे कठिन बेंचमार्क पर इंसानों और जीपीटी-5 समेत सभी प्रमुख मॉडलों को पीछे छोड़ दिया है। इस दावे ने न केवल एआई स्टार्टअप्स की दुनिया में उत्सुकता बढ़ा दी है, बल्कि ओपनएआई जैसे दिग्गजों के सामने एक नई चुनौती भी खड़ी कर दी है। अग्रवाल ने यह भी साझा किया कि उनकी कंपनी पहले से ही कई स्टार्टअप्स और पब्लिक इंटरप्राइजेज के लिए रोजाना लाखों शोध कार्य कर रही है। पराग का कहना है कि यह कंपनी ऑटोमेशन की सुविधाएं प्रदान करती है, जिससे पारंपरिक मानवीय वर्कफ्लो को न केवल तेजी से बल्कि मानव-स्तर से भी ज्यादा सटीकता के साथ किया जा सकता है।
‘डीप रिसर्च एपीआई’ को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं
पराग ने यह एपीआई ऐसे समय शुरु किया है जब एआई का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और बड़ी टेक कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। पराग इससे पहले भी एआई क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। वे कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में स्थित पैरेलल वेब सिस्टम्स इंक. के फाउंडर हैं, जो ऑटोमेशन तकनीक विकसित करने पर काम करती है। अब उनके नए स्टार्टअप ‘डीप रिसर्च एपीआई’ को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं क्योंकि यह मौजूदा एआई मॉडल्स से ज्यादा सक्षम और शक्तिशाली है।
टेक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पराग का यह स्टार्टअप वास्तव में जीपीटी-5 को टक्कर देता है तो यह एआई की दुनिया में एक ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है। जहां एक तरफ एआई तकनीक के तेजी से बढ़ते उपयोग को लेकर उत्साह है, वहीं दूसरी ओर इसकी सीमाओं और चुनौतियों पर भी चर्चा हो रही है। ऐसे में पराग का नया प्रयोग न सिर्फ प्रतिस्पर्धा को और तीव्र बनाएगा, बल्कि एआई के भविष्य को लेकर नए मानक भी स्थापित कर सकता है। पराग की यह पहल इस बात का संकेत है कि आने वाले सालों में एआई का क्षेत्र और ज्यादा नवाचारों और चुनौतियों से गुजरने वाला है।
डीप एपीआई क्या है?
इस खंड में, हम डीपएपीआई का वर्णन करते हैं, जो एक गहन-शिक्षण आधारित विधि है जो एपीआई-संबंधित प्राकृतिक भाषा क्वेरी दिए जाने परप्रासंगिक एपीआई उपयोग अनुक्रम उत्पन्न करती है । डीपएपीआई, एपीआई के कार्य के लिए आरएनएन एनकोडर-डिकोडर मॉडल को अनुकूलित करता है।
एपीआई क्या होता है?
एपीआई का मतलब है एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस। यह सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन के बीच डेटा के औपचारिक आदान-प्रदान के लिए एक माध्यम है। संक्षेप में, एपीआई एक मध्यस्थ है जो विभिन्न सॉफ़्टवेयर प्रणालियों को एक-दूसरे के साथ संवाद करने की अनुमति देता है, जिससे वे एक-दूसरे के कार्यों और डेटा का उपयोग कर सकें।
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