Defence Sector में Anil Ambani की एंट्री से हलचल

By digital | Updated: June 11, 2025 • 12:00 PM

Defence Sector में Anil Ambani की एंट्री से हलचल

डिफेंस सेक्टर में एक नई हलचल मचने जा रही है। Defence Sector में अब अनिल अंबानी भी सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं। उन्होंने जर्मनी की दो बड़ी रक्षा कंपनियों से हाथ मिलाकर एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें हर साल 2 लाख तोप के गोले भारत में ही बनाए जाएंगे।

जर्मन कंपनियों से करार, नया संयंत्र तैयार

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली Reliance Defence ने जर्मन कंपनियों Rheinmetall और Diehl Defence से साझेदारी की है। इसके तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक नई ग्रीनफील्ड यूनिट स्थापित की जा रही है, जहां तोप के गोले, विस्फोटक और अन्य रक्षा सामग्री का उत्पादन किया जाएगा।

Defence Sector में Anil Ambani की एंट्री से हलचल

मुख्य बातें:

Defence Sector में निवेश का नया अध्याय

यह पहली बार है जब रिलायंस समूह इतने बड़े पैमाने पर Defence Sector में निवेश कर रहा है। इस परियोजना से न केवल भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

Defence Sector में इस प्रकार का निवेश ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को गति देने में मदद करेगा।

Vulcano Technology और स्मार्ट गोले

Diehl Defence के साथ हुए करार के अंतर्गत भारत में उन्नत Vulcano 155mm स्मार्ट गोले भी तैयार किए जाएंगे। ये गोले आधुनिक मार्गदर्शन प्रणाली से लैस होंगे और युद्ध के समय बेहद सटीक हमला करने में सक्षम होंगे।

तकनीकी लाभ:

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Defence Sector को मिलेगा नया आयाम

इस संयुक्त परियोजना के माध्यम से भारत को न केवल स्वदेशी उत्पादन का लाभ मिलेगा, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत स्थान भी हासिल हो सकेगा। खासकर जब दुनिया रक्षा आपूर्ति श्रृंखला को विविधता देने की कोशिश कर रही है, तब भारत की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अनिल अंबानी की Defence Sector में यह एंट्री न केवल कारोबारी नजरिए से अहम है, बल्कि भारत की रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। हर साल 2 लाख तोप के गोले बनाकर भारत न केवल अपनी सेना की ज़रूरतें पूरी करेगा, बल्कि रक्षा उत्पादों के वैश्विक निर्यात में भी बड़ी छलांग लगा सकता है।

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