58 घरों का निर्माण विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय बाधाओं के कारण रुका हुआ
कोत्तागुडेम। कोत्तागुडेम (Kotthagudem) जिले के लाभार्थियों की चिंता बिल भुगतान में लंबे समय से हो रही देरी को लेकर बढ़ती जा रही है, क्योंकि धन की कमी के कारण कई निर्माण परियोजनाएं बीच में ही रुकी हुई हैं। कांग्रेस सरकार (Congress Government) द्वारा बड़े ही धूमधाम से शुरू की गई इस योजना का क्रियान्वयन लड़खड़ाता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे कई लाभार्थियों को निर्माण कार्य जारी रखने में कठिनाई हो रही है। बताया जा रहा है कि जिले में लगभग 58 घरों का निर्माण विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय बाधाओं के कारण रुका हुआ है।
कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा हर पात्र परिवार को आवास सुनिश्चित करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, लाभार्थियों का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल की कमी के कारण यह प्रक्रिया बाधित हुई है। देरी के लिए ‘तकनीकी समस्याओं’ को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन अधिकारी मूल समस्याओं का समाधान करने में विफल रहे हैं, ऐसा उनका आरोप है।
पुराना घर तोड़कर शुरू कर दिया नया निर्माण
कुछ लाभार्थियों को पहली किस्त तो मिल गई, लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त मिलने में देरी हुई है। कई मामलों में तो पहला बिल भी अभी तक नहीं चुका है। येलंडु नगर पालिका के बस्ती नंबर 2 निवासी संगम वेणुगोपाल ने इंदिराम्मा आवास स्वीकृत होने के बाद अपना पुराना घर तोड़कर नया निर्माण शुरू कर दिया। उन्होंने बेसमेंट पूरा कर लिया और पहली किस्त के लिए पात्र हो गए। हालाँकि अधिकारियों ने मौके पर जाकर तस्वीरें लीं, लेकिन शुरुआत में उन्हें अपलोड करने में तकनीकी समस्या का हवाला दिया गया। बाद में, वेणुगोपाल को बताया गया कि सिस्टम में उनका उपनाम गलत दर्ज हो गया है। नगर पालिका कार्यालय में त्रुटि सुधारने के बाद, उन्हें फिर से बताया गया कि उनके नाम के बीच रिक्त स्थान में गड़बड़ी है। वह अभी भी भुगतान का इंतज़ार कर रहे हैं।
देरी से उन लोगों पर पड़ रहा है बुरा असर
एक अन्य मामले में, येलंडु मंडल के पुबेली गाँव के के. अनंत राव ने बताया कि उन्होंने स्लैब निर्माण सहित निर्माण का तीसरा चरण ऋण लेकर पूरा कर लिया है। हालाँकि, उन्हें अभी भी दूसरी और तीसरी किस्त मिलने का इंतज़ार है। उन्होंने सरकार से बिलों के भुगतान में तेज़ी लाने की अपील की, क्योंकि देरी से उन लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है जिन्होंने पहले ही निर्माण कार्य में अपने सीमित संसाधन लगा दिए हैं। कई अन्य लाभार्थियों ने भी इसी तरह की चिंताएँ व्यक्त कीं और अधिकारियों से निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर लंबित बिलों का भुगतान करने का आग्रह किया।
इंदिरम्मा आवास योजना क्या है?
तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरम्मा आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी सहायता से आवास निर्माण की सुविधा दी जाती है, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरे।
इंदिरा आवास योजना कब चालू हुई थी?
योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1985 में शुरू की गई थी। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को मुफ्त या आंशिक सहायता से पक्का मकान उपलब्ध कराना था। यह योजना अब प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में विलय हो चुकी है।
इंदिरा आवास में क्या-क्या चीजें लगती हैं?
इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थी को घर बनाने के लिए धनराशि दी जाती है, जिससे वह दीवारें, छत, शौचालय, पानी की टंकी, रसोई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएँ बना सके। कुछ क्षेत्रों में मनरेगा के तहत मजदूरी सहायता भी दी जाती है।
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