Delhi-Dehradun Expressway : मंडोला में परियोजना में देरी करने वाले मकान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 29 अप्रैल को संभावित
Delhi-Dehradun Expressway परियोजना को लेकर एक लंबे समय से चल रहा मकान विवाद अब अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 29 अप्रैल 2025 को इस मामले में निर्णायक फैसला सुनाया जा सकता है।
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क्या है पूरा मामला?
- मंडोला (उत्तर प्रदेश) में प्रस्तावित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के एक हिस्से पर एक मकान निर्माण बाधा बनकर खड़ा है।
- इस मकान के मालिक ने निर्माण हटाने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते निर्माण कार्य अटक गया।
- इस विवाद को लेकर मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अब 29 अप्रैल को अंतिम सुनवाई और निर्णय की उम्मीद है।

प्रमुख तथ्य:
- परियोजना: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (NHAI द्वारा निर्मित)
- विवादित मकान: मंडोला में हाईवे मार्ग में स्थित
- न्यायिक स्थिति: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला लंबित
- निर्णय की तारीख: 29 अप्रैल 2025 (संभावित)
- प्रभाव: हाईवे का यह सेक्शन पूर्ण नहीं हो पा रहा है
परियोजना में देरी से क्या हो रहा नुकसान?
- दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की तेजी से कनेक्टिविटी बाधित हो रही है।
- यात्रियों को अब भी पुरानी सड़कों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
- सरकार और निर्माण एजेंसियों को लागत बढ़ने का खतरा भी है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- जिला प्रशासन ने कई बार मालिक से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी।
- अंततः मामला कोर्ट में गया और अब कानूनी निर्णय का इंतजार है।
Delhi-Dehradun Expressway की प्रमुख बातें:
- कुल लंबाई: लगभग 210 किलोमीटर
- यात्रा समय: 6 घंटे से घटकर 2.5 घंटे होगा
- निर्माण एजेंसी: NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण)
- ग्रीन एक्सप्रेसवे के तहत आधुनिक तकनीक से निर्माण

अब आगे क्या?
- 29 अप्रैल को आने वाले फैसले से यह तय हो जाएगा कि:
- मकान हटेगा या नहीं?
- परियोजना को तेजी मिलेगी या और देरी होगी?
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे न केवल उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि यह उत्तर भारत के पर्यटन और व्यापार को भी नई गति देने वाला है। ऐसे में मंडोला के इस मकान विवाद का हल निकलना आवश्यक है।
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