नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली से एक चौकाने वाला मामला आया है जहाँ, एक कोर्ट ने गुरुवार को एक आर्मी अफसर की अर्जी खारिज कर दी। अफसर ने होटल से CCTV फुटेज और बुकिंग की जानकारी मांगी थी। वह, अपनी पत्नी पर दूसरे मेजर के साथ अफेयर का आरोप लगा रहा था। वह, इन जानकारियों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता था।
क्या था मामला:
पटियाला हाउस कोर्ट के सिविल जज वैभव प्रताप सिंह की अदालत ने महिला की निजता के अधिकार को सही ठहराया। अदालत ने कहा कि आधुनिक भारत में लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक विचारों की कोई जगह नहीं है।और इसे लेकर मेजर को मकड़ी फटकार भी लगाई।
जज ने कहा कि यहां तक कि भारतीय संसद ने भी इस विचारधारा को मंजूरी दी है। जब उन्होंने पुराने कानून को खत्म करते हुए भारतीय न्याय संहिता बनाई तो उसमें व्यभिचार (adultery) के अपराध को बरकरार नहीं रखा। इससे पता चलता है कि आधुनिक भारत में लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक धारणाओं के लिए कोई जगह नहीं है।
इसका मतलब है कि अब भारत में यह नहीं माना जाता कि महिलाओं को पुरुषों से कम अधिकार मिलने चाहिए।